साइबर विशेषज्ञों की मानें तो साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए प्रमोशन के लिंक में वायरस छिपाकर भेज रहे है। मोबाइल या लैपटॉप यूजर जैसे ही इस लिंक को क्लिक करता है। उसका मोबाइल/लैपटॉप हैंग हो जाता है। जब तक यूजर कुछ समझ जाता है, तब उसकी जानकारी साइबर ठग तक पहुंच जाती है। साइबर विशेषज्ञों ने अंजान लिंक को ओपन ना करने की नसीहत यूजर्स को दी है।
ऑनलाइन खरीदारी करने के बाद यदि सामान खराब है, तो सर्विस प्रोवाइड कंपनी का नाम गूगल में ढूंढने के बजाए कंपनी के आधिकारिक लिंक में शिकायत करें। कंपनी से यदि कोई कॉल आता है, तो बैंक संबंधी जानकारी देने से बचे। जितना भी हो सके कैश डिलीवरी का आप्शन क्लिक करें। सस्ते के फेर में किसी भी वेबसाइट में ऑनलाइन खरीददारी ना करें। सस्ती खरीददारी कई बार जिले व प्रदेश के उपभोक्ताओं को महंगी पड़ी है।
हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा इंडियन सायबर क्राईम कोआर्डिनेशन सेंटर प्रोजेक्ट के तहत वर्तमान में फायनेंशियल फ्रॉड के मामलों को रोकने के लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) छत्तीसगढ़ में भी लांच किया गया है, जिसका हेल्प लाइन नंबर 155260 है। रायपुर पुलिस के अधिकारियों ने बताया, कि यदि किसी व्यक्ति के साथ ऑनलाइन फायनेंशियल फ्रॉड होता है तो वह इस पोर्टल में स्वयं घर बैठे सीधे तौर पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। साथ ही पोर्टल के हेल्प लाइन नंबर 155260 में भी कॉल कर अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
– लखन पटले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, रायपुर।