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नया ट्रेंड: विदेश में गाड़ी चलाने और नौकरी पाने की चाहत, लाइसेंस बनवाने में सबसे आगे रायपुरियंस

locationरायपुरPublished: Jun 28, 2022 07:25:07 pm

4 साल में प्रदेश के 1219 ने बनवाया इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस, दूसरे नंबर पर दुर्ग के रहवासी

नया ट्रेंड: विदेश में गाड़ी चलाने और नौकरी पाने की चाहत, लाइसेंस बनवाने में सबसे आगे रायपुरियंस

नया ट्रेंड: विदेश में गाड़ी चलाने और नौकरी पाने की चाहत, लाइसेंस बनवाने में सबसे आगे रायपुरियंस

रायपुर. विदेश में कार चलाने के लिए इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले छत्तीसगढ़वासियों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से लेकर 3 मार्च 2022 तक 1 हजार 219 प्रदेशवासियों ने इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है। आवेदन करने वालों में सबसे ज्यादा संख्या विदेश घूमने व पढऩे जाने वाले हैं।
इंटरनेशनल लाइसेंस कोई स्पेशल लाइसेंस नहीं होता है, सिर्फ कई भाषाओं में इसे ट्रांसलेट कर दिया जाता है। इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस न केवल अधिकांश विदेश यात्रा करने वालों के काम आता है, बल्कि जो कभी-कभार विदेश जाते हैं, उन्हें भी इसका फायदा मिलता है। इस लाइसेंस के जरिए कई देशों में गाड़ी रेंट पर आसानी से उपलब्ध होने के साथ ही ड्राइविंग करने की भी अनुमति मिलती है। भारत के अलावा दुनिया के किसी भी कोने में कार, बाइक से लेकर पर्सनल इस्तेमाल के लिए कोई भी गाड़ी चलाने के लिए इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है।
एक से पांच दिन में बन जाता है परमिट

देश में वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है तो 90 दिन का इंतजार करना होता है। जबकि इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लगने वाला परमिट पांच दिन में मिल जाता है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेशल ड्राइविंग परमिट बनवाने के लिए भारतीय नागरिक होना और आपके पास भारत का वैलिड परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट के लिए अपने क्षेत्र के आरटीओ में लिखित में अप्लाई कर सकते हैं। इसमें उस देश का वीजा लगाना होगा, जहां आवेदक को जाना हो। अप्लाई करने के लिए फार्म 4ए भरना होगा। आवेदक को 500 रुपए का शुल्क फार्म भरने के दौरान देना होता है।
विभाग देगा परमिट, लाइसेंस का ट्रायल होगा विदेश में

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस परमिट के आधार पर मिलता है। आवेदक दस्तोवज के साथ विभाग में आवेदन देता है, तो उसको उस देश का परमिट दिया जाता है, जहां का उसने वीजा लिया है। परमिट के साथ युवक विदेश जाता है और वहां के परिवहन कार्यालय में वो ट्रायल देकर अपना लाइसेंस प्राप्त करता है। जितने दिन का वीजा होता है, उतने दिन का लाइसेंस आवेदक को विदेश में प्राप्त होता है। जब वीजा रिन्यू करवाते हैं, तब लाइसेंस का रिन्यू आवेदनकर्ता को करवाना होता है।
रायपुर आरटीओ शैलाभ साहू ने बताया कि टूरिस्ट, छात्र और रोजगार के लिए विदेश जाने वाले लोग इंटरनेशनल परमिट के लिए आवेदन देते हैं। आवेदनकर्ता के पास भारतीय लाइसेंस होना जरूरी है। आवेदनकर्ता को परमिट दिया जाता है और वो विदेश जाकर अपना लाइसेंस वहां के परिवहन कार्यालय से प्राप्त कर लेते हैं।

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