रायपुरPublished: Jan 01, 2023 01:38:59 pm
Sakshi Dewangan
New Year 2023: बिलासपुर जिले के साथ ही इससे लगे अन्य टूरिस्ट स्पॉट भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। लिहाजा लोग फैमिली, दोस्त या कॉलेज ग्रुप के साथ पिकनिक पर निकल गए हैं। जो नहीं निकल पाए, वो रविवार को जाकर जश्न मनाएंगे।
New Year 2023:बिलासपुर. कोरोना के चलते पिछले तीन साल से शांत पड़े लोग इस बार नए साल-2023 के स्वागत के लिए काफी उत्साहित दिखे। आलम यह रहा कि 31 दिसंबर की रात 12 बजे के बाद से शुरू हुआ सेलिब्रेशन यही वजह है कि ज्यादातर लोग इसका सेलिब्रेशन सुबह तक जारी रहा। वहीं पिकनिक की बात करें तो शनिवार से ही जिले के ट्यूरिस्ट स्पॉट में जमकर सैलानी उमड़े। नए साल की पहली तारीख यानी रविवार को भी जमकर भीड़ रहेगी। इसके लिए पुलिस की टीम, वन विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों ने भी तैयारी कर रखी है।
अमरकंटक
अमरकंटक, बिलासपुर से लगभग 120 किलोमीटर दूर है। यहां बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं। इनमें कपिलधारा, दूधधारा, जैन मंदिर, अमरेश्वर महादेव मंदिर, कल्चुरी कालीन मंदिर, कबीर चबूतरा, माई की बगिया। यहां पहुंचकर पर्यटक खूब आनंद उठाते हैं।
बोइर पड़ाव/खोंद्रा
बोइर पड़ाव जिसे खोंद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह बिलासपुर जिले से लगभग 35 किमी की दूरी पर है। यहां बहुत ही खूबसूरत जलप्रपात घने जंगल के बीच है, जिसे देखने दूर दूर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं। यह जलप्रपात चारो ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। पिकनिक मनाने के लिए यह बेहद ही बेहतर जगह है।
चांपी डेम
चांपी डेम बिलासपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर पेंड्रा रोड में है। यह एक प्राकृतिक जलाशय है। यहां अक्सर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। चांपी जलाशय रतनपुर से लगे हुए एक गांव चपोरा में स्थित है, जो एक बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल होने के साथ ही एक पिकनिक स्पॉट भी है।
कोटमी सोनार
बिलासपुर से तकरीबन 32 किलोमीटर दूर कोटमीसोनार में स्थित क्रोकोडाइल पार्क है। इसे मगरमच्छों के संरक्षण के उद्देश्य से बनाया गया हैं। यहां साइंस पार्क, ऑडीटोरियम, एनर्जी पार्क आदि बनाया गया हैं। इस संरक्षण केंद्र में 200 से भी अधिक मगरमच्छ हैं। राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा इस केंद्र को पर्यटन स्थलों में शामिल किया गया है।
मल्हार
बिलासपुर से 40 किलोमीटर दूर मल्हार स्थित है। यह स्थान पुरातात्विक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पातालेश्वर मंदिर, देवरी मंदिर और डिंडेश्वरी मंदिर जैसे प्रमुख मंदिरों हैं। ये मंदिर 10वीं और 11वीं शताब्दी के माने जाते हैं। अगर आप किसी धार्मिक या पुरातात्विक जगह घूमना चाहते हैं तो आप यहां जा सकते हैं।