डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग
रायपुरPublished: Oct 29, 2020 07:45:21 pm
VIKAS MISHRA
सजग रहें, सुरक्षित रहें: अक्टूबर से जनवरी तक खतरा- सतर्कता से ही कमजोर पड़ेगा वायरस
अगले 4 माह की चुनौती: प्रदूषण से अस्थमा, ठंड से हृदयरोग और इस साल कोरोना महामारी है सब पर भारी
रायपुर. प्रदेश में अक्टूबर की शुरुआत से ही कोरोना वायरस को मात देने वाले मरीजों (रिकवरी रेट) का ग्राफ ऊपर चढ़ता जा रहा है। इससे सरकारी तंत्र को बड़ी राहत है। मगर, संक्रमण से दम तोडऩे वाले मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताएं बढ़ा रही है। अब तो मृत्युदर (डेथ रेट) 1.001 प्रतिशत पर जा पहुंची है। इसी बीच ठंड ने दस्तक दे दी है, तो प्रदूषण का स्तर बढऩा स्वाभाविक है। ऐसे में हद्यरोग, अस्थमा रोगियों के साथ-साथ कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है। क्योंकि वायरस ठंड में ज्यादा सक्रिय होते हैं। इन खतरों के बीच से ये 4 महीने गुजारने ही होंगे।
कोरोना पर कोई अनुमान नहीं
वायरस ठंड में अन्य मौसम की तुलना में ज्यादा सक्रिय होते हैं। यह नया वायरस है, जिसके बारे में अभी कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता। गर्मी में भी यह प्रभावी रहा, जबकि गर्मी में वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं। अब ठंड में सब हमारी इम्युनिटी पर निर्भर रहेगा। अगर, रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी तो हम इससे लड़ पाएंगे।
डॉ. अरविंद नेरल, माइक्रोबायोलॉजी, पं. जेएनएम मेडिकल कॉलेज रायपुर