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IPS पवन देव मामले में NHRC ने राज्य पुलिस को लगाई फटकार, प्रमोशन पर उठाए सवाल

locationरायपुरPublished: Feb 13, 2020 05:32:07 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

रायपुर में अनुसूचित जाति एवं जनजाति से संबंधित प्रकरणों की जनसुनवाई कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने आईपीएस पवन देव मामले में राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाई।

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रायपुर. राजधानी रायपुर में अनुसूचित जाति एवं जनजाति से संबंधित प्रकरणों की जनसुनवाई कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने आईपीएस पवन देव मामले में राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। आयोग ने कहा, इस मामले में पीडि़त महिला आरक्षक की शिकायत पर आयोग ने राज्य पुलिस को तलब करते हुए उनसे पूछताछ की। साथ ही शिकायत के बाद भी प्रमोशन दिए जाने पर सवाल किया।
इस दौरान पुलिस महकमे की ओर से बताया गया की महिला कांस्टेबल की शिकायत के पहले ही प्रमोशन का मामला चल रहा था। इस दौरान शिकायत और चार्जशीट पेश नहीं की गई थी यह सभी कुछ बाद में हुआ है। वही कैट में इस मामले पर स्थगन दिए जाने पर आयोग ने राज्य सरकार से कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें और मामले को संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार को कैट में जाना चाहिए।
एक अन्य सवाल के जवाब में बस्तर में लगातार आदिवासियों की मौत नक्सली और पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के संबंध में आयोग ने कहा कि यह चिंता पूरे देश में है। इस तरह के प्रकरणों में पुलिस 48 घंटों के भीतर मुठभेड़ और मारे गए लोगों के संबंध में जांच करने के बाद आयोग और संबंधित विभागों को इसकी जानकारी भेजती है।
इसके बाद भी अगर इस तरह का कोई मामला सामने आता है तो आयोग उसे संज्ञान में लेगा। वहीं एक अन्य मामले में मुखबिरी के संदेह में ग्रामीणों की हत्या पर भी आयोग ने चिंता जताई है और कहा है कि कमीशन ने इसे संज्ञान में लिया है।
मीडिया से बातचीत में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने बताया कि आयोग के समक्ष पेश किए गए मामलों में से कुल 54 का निराकरण किया गया है। इसमें मुख्य रूप से अनुसूचित जाति जनजाति पुलिस स्वास्थ्य शिक्षा वन सहित अन्य मामले थे, इनका निराकरण करते हुए संबंधित विभागों के प्रमुख अधिकारियों को निर्देशित किए गए हैं। साथ ही 12 लाख 90 हजार रुपए का मुआवजा वितरित किया गया है। 54 लाख रुपए के मुआवजे की अनुशंसा की गई है।
उन्होंने बताया कि अगस्त 2017 में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में सुनवाई के बाद प्रति व्यक्ति को 10-10 लाख रुपए दिया गया है। उन्होंने इस बात की चिंता जताई कि कब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेगी।
इस पर राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह ऑटोमेटिक मशीनों के माध्यम से सीवर लाइन टैंक की साफ सफाई करें। इस कार्य के दौरान कर्मचारियों को टॉर्च रस्सी और अन्य संसाधन उपलब्ध कराया जाए। पेंशन से संबंधित दो मामलों में कर्मचारियों को लगातार चक्कर लगवाने की शिकायत पर उनके प्रकरणों को देखते हुए तुरंत इसका निराकरण करने कहा गया है। वहीं इस तरह के मामलों पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए गए हैं।
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