परीक्षा कंट्रोलर गिरफ्तार
पुलिस ने 7 मुन्नाभाइयों के अलावा परीक्षा कंट्रोलर अरुण कुजूर को भी गिरफ्तार कर लिया। देर रात को एसएस कंसलटेंसी के अनुज को गिरफ्तार किया। वीकेश, मुकेश पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे। एसएस कंसलटेंसी का संचालक सचिन फरार है। सचिन एनआईओएस का कर्मचारी रह चुका है। सचिन और मुकेश विभिन्न कोचिंग सेंटर में आने वाले छात्र-छात्राओं को प्रलोभर देकर परीक्षा दिलवाते थे।
एेसे चलता था फर्जीवाड़ा
वीकेश मूल परीक्षार्थियों से 10वीं-12वीं उत्तीर्ण कराने का सौदा करता था। इसके पूरी तैयारी करके उनका प्रवेशपत्र निकाल लेते थे। उनके स्थान पर मुन्नाभाइयों का फोटो लगाकर उन्हें नकली प्रवेश देते थे। डाइट में जाकर मुन्नाभाई परीक्षा देते थे। कॉपी कोरी छोड़ देते थे। शाम को अरुण उत्तरपुस्तिका श्यामप्लाजा स्थित एसएस कंसलटेंसी और अन्य स्थानों पर पहुंचाता था। वहां सचिन व अनुज सभी मुन्नाभाइयों से उत्तर लिखवाते थे। प्रश्नों के उत्तर वाट्सएप के जरिए मुकेश भेजता था।
अटेंडेंस शीट की जांच करते थे डॉयरेक्टर
परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की अटेंडेंसशीट की जांच रीजनल डॉयरेक्टर एके भट्ट करना होता है। इस दौरान ही असली परीक्षार्थियों की पहचान हो जाती है, लेकिन पिछले दो दिन से परीक्षा हो रही थी और असली विद्यार्थियों के स्थान पर मुन्नाभाई परीक्षा दे रहे थे। इसके बावजूद उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
डॉयरेक्टर को बनाया प्रार्थी
रीजनल डॉयरेक्टर की भूमिका भी संदेह के दायरे में हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें ही प्रार्थी बना दिया। इधर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग में फर्जीवाड़ा मामले की विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।