प्रेशर नहीं, एंजॉय के साथ शुरुआत करें, जरूर सफल होंगे
रायपुरPublished: Mar 20, 2023 12:10:58 am
10 दिनों माउंट एवरेस्ट और माउंट लहोत्से की चढ़ाई कर चुकी नैना सिंह धाकड़ ने कहा


रायपुर. जब मैं चार-पांच साल की थी तब मेरे पिता गुजर गए। तबसे हमारे बुरे दिन शुरू हो गए थे। मेरे लिए मां ने बहुत ताने सुने। मां अक्सर यही कहती कि भले बुलंदियों में पहुंच जाओ लेकिन अपने पैर जमीं पर रखना। इस बात को मैं हमेशा फॉलो करती हूं। आज जब मैं पीछे जाकर खुद को देखती हूं तो लगता है यह सब कैसे हो गया। हम में से बहुतों को लगता है कि मुझसे नहीं हो पाएगा। ऐसा सोचने से बेहतर है हम शुरुआत तो करें। पहली बार असफल होंगे तो दूसरी बार प्रयास करेंगे। दूसरी बार फेल रहे तो तीसरी दफे कोशिश करेंगे। किसी भी काम को प्रेशर की बजाय एंजॉय के तौर पर करें। लगातार प्रयास से सफलता मिलेगी ही। यह कहा, बस्तर की बेटी और प्रदेश की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ ने। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों तेजनिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत लैंड एडवेंचर सम्मान से नवाजी जा चुकी हैं। वे देश की पहली महिला हैं जिन्होंने 10 दिनों के भीतर माउंट एवरेस्ट और माउंट लहोत्से की चढ़ाई की। शनिवार को वृंदावन हॉल में हिंदी साहित्य व्यंग्य संस्थान और किरण चौबे स्मृति संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित परसाई जन्मशती मौके पर बोल रहीं थीं। उन्हें खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।