पुरानी धमतरी रोड के दोनों तरफ तेजी से बसाहट बढ़ती जा रही है। सेजबहार तक दोनों तरफ दर्जनभर से अधिक कॉलोनियां बनाने के लिए प्लाटिंग की जा चुकी है। इसी रोड पर धमतरी रोड पर बोरियाखुर्द गांव से लेकर सेजबहार के आगे शंकराचार्य कॉलेज तक एक जैसी स्थिति है। इसी रोड पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की तीन से चार आवासीय कॉलोनियां हैं। सोनपैरी गांव के आगे तक के लोग हर दिन कमाने खाने शहर में आते हैं।
एशिएन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) योजना के तहत सड़क बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने लोन लिया हुआ है। उसी के तहत 2 अरब 13 करोड़ की लागत से पुरानी धमतरी रोड के चौड़ीकरण का वर्कआर्डर जारी किया है। हद तो यह है कि एडीबी परियोजना के जिम्मेदार लिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट जो तैयार कराया है, उसमें ट्रैफिक का आंकड़ा 10 हजार वाहनों का हर दिन दर्ज किया है। जिसे आधार बनाकर बोरियाखुर्द तालाब से सेजबहार तक 7 मीटर पुरानी सड़क मिलाकर 14 मीटर करने का स्ट्रीमेंट की स्वीकृति दी है, जिसमें सर्विस रोड के लिए कोई जगह नहीं।
इधर तेलीबांधा से आगे ट्रैफिक के बढ़ते दबाव और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए नेशनल हाइवे, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी और ट्रैफिक पुलिस के अफसर सड़क पर उतरे। दुर्घटना नियंत्रण का हवाला देते हुए अफसरों ने जोरा ब्रिज से लेकर अग्रसेनधाम तक सर्विस रोड का निर्माण कराना जरूरी बताया। जबकि यह सड़क पांच साल पहले बनी थी। तब सर्विस रोड को दरकिनार कर दिया गया था।
पुरानी धमतरी रोड पर तेजी से बसाहट के साथ ट्रैफिक बढ़ रहा है। इस रोड के चौड़ीकरण में सर्विस रोड दरकिनार कर देना खतरनाक साबित होगा। क्योंकि छात्र-छात्राओं के अलावा गांवों के लोग सबसे अधिक इसी रोड से आते-जाते हैं।
सतीश ठाकुर, डीएसपी, ट्रैफिक पुलिस
व्हीके रुनिझा, परियोजना प्रबंधक, एडीबी
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