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नॉन स्मोकर भी हो रहे लंग्स कैंसर का शिकार, इसमें 30 फीसदी महिलाएं भी

locationरायपुरPublished: Nov 14, 2022 11:04:50 pm

Submitted by:

manish Singh

– लंग्स कैंसर जागरूकता माह पर विशेष रिपोर्ट- डस्ट, औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि से फेफड़े की बीमारी के चपेट में आ रहे लोग- आंबेडकर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना पहुंच रहे 6 से 7 मरीज

नॉन स्मोकर भी हो रहे लंग्स कैंसर का शिकार, इसमें 30 फीसदी महिलाएं भी

नॉन स्मोकर भी हो रहे लंग्स कैंसर का शिकार, इसमें 30 फीसदी महिलाएं भी

रायपुर@ आजकल की गलत लाइफस्टाइल और खानपान के कारण लोग कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इसमें से एक लंग्स कैंसर तेजी से उभरकर सामने आया है। लंग्स कैंसर को विकसित होने में कई साल लग सकते हैं। इसके लिए स्मोकिंग सबसे आम रिस्क फैक्टर माना जाता है, लेकिन अब नॉन स्मोकर भी बड़ी संख्या में इसके शिकार हो रहे हैं। इसमें 30 फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं। कई लोग स्मोकिंग के धुएं के संपर्क में आकर, डस्ट, औद्योगिक क्षेत्र से निकल रहे जहरिले धुएं, हेवी मेटल के संपर्क में आने, सीमेंट फैक्टरी या अन्य कंस्ट्रक्शन से जुड़े लोग, फेफड़ों की अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों में लंग्स कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
आंबेडकर अस्पताल के कैंसर रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप चंद्राकर बताते हैं, देश में 7वां मोस्ट कॉमन कैंसर के रूप में लंग्स कैंसर उभरा है। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 6 से 7 मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें महिलाओं की संख्या 2 से 3 रह रही है। लंबे समय की खांसी या खखार में आ रहा खून लंग्स कैंसर हो सकती है। इसके लिए अलर्ट रहने की जरूरत है।
शुरुआत में मुश्किल होता है पता लगाना
लंग्स कैंसर की बीमारी का शुरुआत में पता लगाना काफी मुश्किल होता है और बाद में यह इतनी बढ़ जाती है कि इसे रोकना मुश्किल हो जाता है। अन्य कैंसर की तरह, फेफड़े का कैंसर तब विकसित होता है जब सेल डिविजन और ग्रोथ की सामान्य प्रक्रिया बाधित होती है। कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़कर ट्यूमर बना देती हैं। लंग्स कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी, रेडिएशनथेरेपी और सर्जरी आदि शामिल हैं।
चौंकाने वाला आंकड़ा : 2025 में प्रति 1 लाख पुरुष में 81 हजार को लंग्स कैंसर
तेजी से बढ़ रहे फेफड़े के कैंसर को देखते हुए आईसीएमआर और एनसीडीआईआर ने भारत देश के उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए डराने वाला आंकड़ा जारी किया है। 2025 तक की स्थिति में प्रति 1 लाख की आबादी में 81219 पुरुष और 30109 महिलाओं के लंग्स कैंसर से पीड़ित होने का दावा किया है। लंग्स कैंसर जागरुकता माह पर आईसीएमआर ने यह आंकड़ा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है।
लंग्स कैंसर के लक्षण
1. लंबे समय से बनी हुई खांसी
2. खांसी के साथ खून आना
3. सांस फूलना, सांस लेने में कठिनाई
4. छाती में दर्द
5. आवाज बैठना
6. वजन घटना
7. हड्डी में दर्द
8. सिरदर्द
बचाव
1. फेफड़ों के कैंसर से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि धूम्रपान न करें और धुएं में सांस लेने से बचें।
2. रेडॉन फेफड़ों के कैंसर का एक महत्वपूर्ण कारण है।
3. कार्यस्थल और अन्य जगहों पर ज्ञात कैंसर पैदा करने वाले एजेंटों के संपर्क में आने से बचें।
4. बहुत सारे फलों और सब्जियों के साथ एक स्वस्थ आहार भी फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
5. शरीर को हर तरह से स्वस्थ्य रखने के लिए एक्सरसाइज या व्यायाम जरूरी है।
विशेषज्ञ आंबेडकर अस्पताल डॉ. प्रदीप चंद्राकर ने कहा कि एडवांस स्टेज में पहुंच रहे मरीज
फेफड़े का कैंसर लेकर मरीज एडवांस स्टेज में अस्पताल पहुंच रहे हैं। सांस की तकलीफ, खासी, छाती में दर्द की समस्या लेकर मरीज तीसरे व चौथे स्टेज पर अस्पताल आ रहे हैं। महिलाओं में पहले लंग्स कैंसर देखने को नहीं मिलता था, लेकिन अब उनमें भी तेजी से लंग्स कैंसर सामने आ रहा है।
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