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छत्तीसगढ़ी मंच के पहिली कवयित्री ‘निरूपमा सरमा’

locationरायपुरPublished: May 29, 2023 04:16:07 pm

Submitted by:

Gulal Verma

निरूपमा दीदी के जतका सुग्घर लेखनी रिहिसे वतकेच सुग्घर उंकर आवाज अउ परस्तुति घलो रिहिस हे। उंकर एक गीत बहुत लोकप्रिय होए रिहिसे। ‘मंझली तोर बहुरिया ममादाई, मंझली तोर बहुरिया ह वो। रांधे- गढ़ेे के नइए ठिकाना मांजथे पइरी अउ बिछिया ममादाई, मइके के बड़ई म चलावथे चरचा, अड़बड़ हावय चटरही।’

छत्तीसगढ़ी मंच के पहिली कवयित्री ‘निरूपमा सरमा’

छत्तीसगढ़ी मंच के पहिली कवयित्री ‘निरूपमा सरमा’

छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन के मंच म सबले पहिली कवयित्री के रूप म अपन उपस्थिति देवइया डॉ. निरूपमा सरमा के घर अउ मोर घर एके पारा म दू कदम के फासला म रिहिस हे। फेर, दीदी संग मोर चिन्हारी तब होइस, जब मेहा बछर 1983 ले रायपुर के साहित्यिक गतिविधिमन संघरे लगेंव। खासकर के छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के साप्ताहिक गोस्ठी जेन पुरानी बस्ती के टिल्लू चौक के देवबती सोनकर धरमसाला म होवय। तब हमन दूनों अमीनपारा म राहन। मैं नवदुरगा चौक म अउ दीदी हमर आगू के गली म। उंकर ठीक तीन घर के आड़ म डॉ. सुखदेवराम साहू घलो राहत रिहिन। तेकर सेती जब कभु मेहाा उंकर घर बइठे बर जावंव, त दूनों घर सरलग हमावत आवंव।
महतारी सुरूजकुंवर अउ सियान बागेस्वर गोस्वामी घर 31 मई 1944 के जनमे निरूपमा दीदी हमन ल अपन सग छोटे भाई बरोबर मया करय। एक बेर सावन के महीना म वोमन हमन ल अपन मइके घुमाए बर घलो लेगे रिहिन हें। तब रायपुर ले हमन दीदी संग सोभादेवी सरमा, डॉ. सुखदेव राम साहू, सुसील यदु अउ मैं कवर्धा म उंकर घर गे रेहेन। सावन के महीना फेर उप्पर ले सोमवार घलो तेकर सेती भोरमदेव मंदिर के दरसन करे बर घलो चल दे रेहेन। तब कवर्धा के कवि संगी कौसल साहू ह हमन ल रायपुर ले पांच साहित्यकार आए हें कहिके हमरमन के सम्मान म एक कवि गोस्ठी के आयोजन कर डारे रिहिस हे।
हमन उहां जानेन के दीदी के मइके म कबीर साहेब ल जबर माने जाथ। दीदी बताए रिहिन हें. कबीर साहेब जब छत्तीसगढ़ भरमन म आए रिहिन हें, तब हमर ए घर म घलो पधारे रिहिन हें। एकरे सेती उहां कबीरजी के खड़ाऊ माढ़े हवय। जेकर उंकर बड़े भैया सेवादार हेंं। उहीमन वोकर सेवा करथें। वो डहार के जम्मो कबीर पंथीमन मिलके उहां हर बछर बिसेस कारयकरम के आयोजन करथें। दीदी बताए रिहिन हें ए कवर्धा वाले कबीर चौंरा ह दामाखेड़ा वाले कबीर आसरम ले अलग हे। इहां के जम्मो देखरेख अउ व्यवस्था इहाँं अलग से करे जाथे।
निरूपमा दीदी के लेखन संसार बहुतेच बड़े हे। उंकर छत्तीसगढ़ी म लिखे पहला कविता संकलन पतरेंगी ले लेके हिन्दी अउ छत्तीसगढ़ी के. बूंदों का सागर, रितु बरनन, हमर चिन्हारी, दत्तात्रेय के चौबीस गुरु, मूल्यजनक पुराख्यान, इंद्रधनुसी छत्तीसगढ़, चिंतन के बिंदु विचार के हीरा, दाई खेलन दे, छत्तीसगढ़ का ददरिया। इहां ए जानना जरूरी हे ए किरिति ह दीदी के सोध ग्रंथ आय। जिनमा उन पीएचडी करे रिहिन हें। सामयिक गीत इंकर छोड़े एक अउ संकलन छपे के अगोरा म रिहिस हे, जिनगी के रूप।
निरूपमा दीदी के जतका सुग्घर लेखनी रिहिसे वतकेच सुग्घर उंकर आवाज अउ परस्तुति घलो रिहिस हे। उंकर एक गीत बहुत लोकप्रिय होए रिहिसे.
मंझली तोर बहुरिया ममादाई
मंझली तोर बहुरिया ह वो।
रांधे- गढ़ेे के नइए ठिकाना
मांजथे पइरी अउ बिछिया ममादाई
मइके के बड़ई म चलावथे चरखा
अड़बड़ हावय चटरही।
कांदी लूवथे, पीयथें पसिया
मइके म संझा बिहनिया ममादाई।
लाली कोर लुगरा अउ गहना पहिर के मटकथे अंगना-दुवारी
भुइंयांम सुत के सरग के हे सपना
देखत हवै अपनसुररी।
मुंह ल फुलोथे अउ नखरा देखाथे
आथे जब ओकर नंगरिहा ममादाई
ननंद देरानी के चारी ला करके
दिन रात झगरा लड़ाथे।
एकर-ओकर बद्दी ल सुनसुन के
मन ह घलो बगियाथे।
अइसन पतोहिया के आगी लगे
गुन म तहीं हस
रद्दा बतइया ममादाई।
ए गीत ल हमन कवि सम्मेलन के मंच म तो सुनबेच करन, आकासवानी ले घलो संगीतबद्ध सुने ले मिलय। निरूपमा दीदी एक हास्य कविता के रचना ‘नोनी बेंदरी’ जेमा एक किसम ले महिलामन के उपहास उड़ाए के कोसिस करे गे रिहिसे। वोकर जवाब म घलो एक रचना लिखे रिहिन हें -‘टूरा बेंदरा’। ए दूनों रचनामन के ऊपर तब गजब चरचा होए रिहिस हे।
निरूपमा दीदी छत्तीसगढ़ के महिला साहित्यकारमन ल एक मंच म लाए खातिर घलो जबर बुता करे रिहिन हें। वोमन एकर खातिर एक किताब ‘छत्तीसगढ़ की महिला साहित्यकार’ छपवाए घलो रिहिन हें। निरूपमा दीदी के कवि सम्मेलन के मंच म जेन गरिमासंग उपस्थिति अउ परस्तुति हमन देखे रेहेन, आज के मंच म वो कोनो मेर देखब म नइ आवय। आज तो कवि सम्मेलन के मंच ह गम्मत के रूप धारन करत दिखथे। जेहा बहुत चिंता के बात आय। निरूपमा दीदी ल 5 सितम्बर 2001 के रास्टरपति द्वारा मिले सिक्छक सम्मान सहित हिन्दी अउ छत्तीसगढ़ी भासा, साहित्य अउ सामाजिक काम खातिर गजब सम्मान मिले हे। पं. रविसंकर विवि रायपुर ह एक छात्रा ल छत्तीसगढ़ के पहला महिला साहित्यकार के रूप म एमफिल के उपाधि घलो दे हे। वोमन प्राथमिक ले लेके उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पाठ्करम निरधारन अउ पाठ्य विसय वस्तु समिति के मानद सदस्या घलो रहे हें।
जिनगी के हर छेथ्र म सफलता अउ सम्मान के सिखर ल अमरत 78 बछर के उमर म 7 जून 2022 के उन ए नस्वर दुनिया ले बिरादरी ले लेइन। उंकर सुरता ल पैलगी जोहार।

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