यह भी स्पस्ठ किया गया है कि जिन स्कूलों में अंडा वितरण के लिए अभिभावकों में सहमति नही होगी, वहां के बच्चों को अंडा घर पहुंचाकर दिया जाएगा। अभिभावकों के साथ बैठक करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने कलेक्टरों को पत्र जारी किया है। बता दें कि पत्रिका ने इस मुद्दे को लगातार प्रमुखता से उठाया और समाचार प्रकाशित किया।
आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति अस्पस्ठ : आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा वितरण की स्थिति को लेकर कोई स्पस्ठीकरण जारी नही हुआ है। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा का कहना है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की गई है। उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। जल्द ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक लेकर इस संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे।
यह है विवाद : आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूल के मध्यान भोजन में अंडा वितरण की खबर के बाद कबीरपंथ समाज के लोग खुलकर विरोध में आ गए थे। कबीरपंथ समाज को अन्य समाज के साथ ही भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का समर्थन भी मिल गया था। इस मामले में विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ था। वहीं कबीरपंथ समाज के लोगों ने चरणबद्ध आंदोलन छेड़ रखा था। यह आंदोलन कई जिलों में फैल रहा था। विपक्ष का आरोप था कि सरकार जिद की राजनीति कर रही है। जबकि सत्ता पक्ष के लोगों का मानना है कि इससे कुपोषण दूर करने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
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