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अब आ गई है सख्त फैसले लेने की घड़ी, दोबारा लॉकडाउन नहीं किया गया तो नहीं मिलेगा सोचने का मौका

locationरायपुरPublished: Jul 09, 2020 09:10:10 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

प्रदेश के तीन पड़ोसी समेत पांच राज्यों ने अपने-अपने राज्य में खतरे को भांपते हुए लॉकडाउन की समय-सीमा, क्षेत्र निर्धारित किए हैं। छत्तीसगढ़ में भी इसकी आवश्यकता महसूस की जाने लगी है क्योंकि अनलॉक में संक्रमित मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है।

अब आ गई है सख्त फैसले लेने की घड़ी, दोबारा लॉकडाउन नहीं किया गया तो नहीं मिलेगा सोचने का मौका

अब आ गई है सख्त फैसले लेने की घड़ी, दोबारा लॉकडाउन नहीं किया गया तो नहीं मिलेगा सोचने का मौका

रायपुर. कोरोना संक्रमण ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश बना दिया है। संक्रमित मरीजों के आंकड़े दिन-व-दिन बढ़ते ही चले जा रहे हैं और कई रिपोटर््स तो भारत को लेकर चिंताजनक आंकड़े पेश कर चुकी हैं। हर प्रदेश कोरोना संकट से लड़ रहा है। यही वजह है कि कुछ राज्य अब दोबारा से लॉकडाउन फॉर्मूले पर लौट आए हैं। प्रदेश के तीन पड़ोसी समेत पांच राज्यों ने अपने-अपने राज्य में खतरे को भांपते हुए लॉकडाउन की समय-सीमा, क्षेत्र निर्धारित किए हैं। छत्तीसगढ़ में भी इसकी आवश्यकता महसूस की जाने लगी है क्योंकि अनलॉक में संक्रमित मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है।

1 जून से लागू हुए अनलॉक 1 और 1 जुलाई से अमल में आए अनलॉक डाउन २ के कुल 38 दिनों में (8 जुलाई तक की स्थिति में) 3034 मरीज मिल चुके हैं। ये आंकड़ा अपने आप में उस प्रदेश की कहानी बयान करता है जो 14 मई तक अपने आप को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर रहा था। मगर, आज खतरा कई गुना बढ़ चुका है। जानकार-विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को अब लॉकडाउन के विकल्प पर विचार करना चाहिए।

मेडिकल स्टाफ सुरक्षित नहीं-

कोरोना संक्रमण नॉन कोविड अस्पतालों में पैर पसार चुका है। जिनमें आंबेडकर अस्पताल, डीकेएस हॉस्पिटल और एम्स प्रमुख रूप से शामिल हैं। हर रोज स्टाफ पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, जिनके ड्यूटी कोरोना वार्ड में नहीं है। पुलिसवाले, सफाईकर्मी भी संक्रमित मिल रहे हैं। कोरोना की चौतरफा मार प्रदेश में पड़ रही है।

शनिवार-रविवार लॉकडाउन का फॉर्मूला सही था-

छत्तीसगढ़ सरकार ने ही सबसे पहले वीक एंड्स यानी शनिवार और रविवार को लॉकडाउन का आदेश जारी किया था। 3-4 हफ्ते ही यह आदेश लागू रहा, बाद में इसे वापस ले लिया गया। जबकि शनिवार-रविवार को ही बड़ी संख्या में लोग आउटिंग के लिए निकलते हैं। दुकानें खुलती हैं, लोगों का जमावड़ा लगता है। अगर, लॉकडाउन रहे तो आना-जाना प्रतिबंधित होगा, गाडिय़ां नहीं चलेंगी, दुकानें नहीं सजेंगी और कोरोना के फैलाव का खतरा कम हो जाएगा।

किसने कब तक बढ़ाया लॉकडाउन-

मध्यप्रदेश- सरकार ने बढ़ती मरीजों की संख्या के मद्देनजर हर ररिवार को संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है, जो आगामी रविवार से लागू हो जाएगा।

बिहार- राजधानी पटना में स्थिति बेकाबू होती देख सरकार ने ७ दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया है। 10 से 16 जुलाई तक आदेश अमल में लाया जाएगा।

ओडिशा- ओडिशा सरकार ने सभी शहरी क्षेत्रों और गंजाम के ५ विकासखंडों में अगले पांच दिनों तक लॉकडाउन रहेगा।

पश्चिम बंगाल- सरकार ने कंटेनमेंट और बफर जोन में पूर्ण लॉकडाउन का निर्णय लिया है। यह आदेश ९ जुलाई की शाम से लागू हो गया। बंगाल में २४ घंटे में ९०० से अधिक केस रिपोर्ट हुए थे।

सबसे ज्यादा खराब स्थिति रायपुर की-

प्रदेश की राजधानी रायपुर में कोरोना मरीजों का ग्राफ अनलॉक के दौरान काफी तेजी से बढ़ा है, जो हर किसी के लिए चिंता का बड़ा विषय बना हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि 31 मई की स्थिति में रायपुर में सिर्फ 15 मरीज थे, जिनमें से 8 स्वस्थ होकर घर लौट चुके थे, जबकि ६ का इलाज जारी था और २९ मई को एक की मौत हुई थी। मगर, आज तस्वीर बेहद चिंताजनक है। 8 जुलाई की रिपोर्ट में रायपुर में 511 मरीज रिपोर्ट हुए हैं।

मरीज तो बढ़ रहे हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। मगर, लॉकडाउन संबंधी निर्णय शासन स्तर पर ही लिया जाता है। हां, विभाग द्वारा सैंपलिंग और टेस्टिंग बढ़ाने के आदेश जरूर दिए गए हैं।

-डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग

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