scriptअब नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी करेगी भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जांच | Now NIA will investigate BJP MLA Bhima Mandavi death case | Patrika News
रायपुर

अब नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी करेगी भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जांच

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल क्षेत्र दंतेवाड़ा (Dantewada) में 9 अप्रैल को लोकसभा चुनाव (Chhatisgarh lok sabha election) प्रचार के दौरान नक्सलियों ने IED Blast किया। जिसमें भाजपा के विधायक भीमा मांडवी (MLA Bhima Mandavi) की मौत हो गई। अब दंतेवाड़ा के भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) करेगी।

रायपुरMay 22, 2019 / 09:23 am

Akanksha Agrawal

Bhima Mandavi

अब नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी करेगी भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जांच

रायपुर. दंतेवाड़ा के भाजपा विधायक (BJP MLA) भीमा मंडावी (Bhima Mandavi) की हत्या की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (National investigation agency) करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर एजेंसी ने 17 मई को दिल्ली में मामला दर्ज किया। एनआईए (NIA) की ओर से कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को दंतेवाड़ा (Dantewada) के कुआकोंडा थाने में दर्ज इस मामले की सूचना मिली थी। उसी को आधार बनाकर जांच के निर्देश दिए गए थे।
एजेंसी ने हत्या, बलवा, घातक हथियारों के साथ उपद्रव करने, गैर कानूनी जुटान, डकैती के दौरान हत्या, आपराधिक षडय़ंत्र सहित आयुध अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया है। बस्तर में भाजपा के एकमात्र विधायक भीमा मंडावी (MLA Bhima Mandavi) की गाड़ी को माओवादियों ने 9 अप्रैल की शाम दंतेवाड़ा के श्यामगिरी के पास आईईडी धमाके से उड़ा दिया था। इस हमले में मंडावी सहित उनके तीन सुरक्षाकर्मी और कार ड्राइवर की मौत हो गई थी।
इस मामले की पहली FIR 10 अप्रेल को दंतेवाड़ा (Dantewada) के कुआकोंडा थाने में दर्ज हुई है। पुलिस अफसरों का कहना है, NIA जांच शुरू हो जाने से राज्य पुलिस को अपनी जांच को रोकना होगा। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायधीश सतीश कुमार अग्निहोत्री की अध्यक्षता में एकल जांच आयोग का गठन किया है।

भाजपा मांग रही थी सीबीआई जांच
विधायक की हत्या में षडय़ंत्र का आरोप लगाते हुए भाजपा CBI से जांच की मांग कर रही थी। विधायक के परिजनों ने भी स्थानीय पुलिस की जांच पर असंतोष जाहिर कर सीबीआई से जांच की मांग की थी। राज्य सरकार ने प्रदेश में CBI के प्रवेश पर तकनीकी रूप से रोक लगा रखी है।

राज्य सरकार ने तय की न्यायिक जांच की दिशा
इधर, राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति अग्निहोत्री आयोग के लिए जांच की दिशा तय कर दी है। राज्य गजट में प्रकाशित अधिसूचना के मुताबिक आयोग से 8 बिंदुओं पर जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। इनमें घटना की परिस्थिति, सुरक्षा में चूक, सुरक्षा प्रक्रिया का पालन किया गया था या नहीं, घटना में षडय़ंत्र था तो कौन शामिल था, क्या घटना होने से रोका जा सकता था, जैसे बिंदु शामिल हैं।

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