रायपुर में 5 मॉल और 4 टॉकिज हैं। इन सभी स्थानों पर पार्किंग शुल्क लगने से वाहन सडक़ पर ही खड़ी कर देते हैं। इससे यातायात बिगड़ जाता है। इस समस्या को लेकर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने राजधानी में मॉल-सिनेमाघरों के मैनेजरों की सोमवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर के कार्यालय में बैठक ली है। बैठक में जिम्मेदरों को अपने कॉम्प्लेक्स के बाहर गाड़ी खड़ा न करवाने और अपने पार्किंग फ्री करवाने के निर्देश दिए हैं। इस पर मैनेजरों ने अपने संचालकों से परमिशन लेने के बाद जवाब देने की बात कही है।
30 प्रतिशत पार्किंग रिजर्व करने का नियम : नियमों के मुताबिक मॉल और सिनेमाघर बनाते समय संचालकों को अपने ग्राहकोंं के लिए 30 प्रतिशत पार्किंग रिजर्व रखने का प्रावधान है। इसके बावजूद संचालक पार्किंग को ठेके पर देकर ग्राहकों से पैसा वसूल रहे हैं। भविष्य में उन पर भी अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को बनाया आधार : सोमवार की हुई बैठक में पुलिस के अधिकारी गुजरात उच्च न्यायालय के जस्टिस अनंत एस दवे व जस्टिस बीरेन वैष्णव के आदेश को आधार बनाया। 8 जुलाई को अनंत एस दवे व जस्टिस बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने खंडपीठ ने मॉल मल्टीप्लेक्स संचालकों की ओर से दायर अपील याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा कि किन नियमों के तहत लोगों से पार्किंग चार्ज वसूलने का अधिकार मिला है। खंडपीठ ने यह टिप्पणी की है कि इस प्रकार चार्जिंग चार्ज लेने का अधिकार मॉल मल्टीप्लेक्स के संचालकों को नहीं है।
डीएसपी ट्रैफिक सतीश ठाकुर ने बताया कि मॉल्स-सिनेमा घरों के बाहर गाड़ी अवयवस्थित तरीके से ना खड़ी हो, इसलिए मैनजरों के अलावा नगर निगम और नगर निकाय के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। मॉल्स-सिनेमाघरों के मैनेजरों को उनके ग्राहकों के लिए उचित पार्किंग व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए हैं।