गोबर में प्रचूर मात्रा में पोषक तत्व
गोबर के गमले पर्यावरण के अनुकूल है। गोबर के गमलों को बनाने में कोई प्रदूषण नहीं होता है। गोबर में प्रचूर मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं, जिससे पौधों को पोषक तत्वों की पूर्ति गोबर के गमलों से ही पर्याप्त मात्रा में हो जाती है। गोबर के गमले सूखे गोबर एवं अन्य प्राकृतिक पदार्थों से बनाए जाते हैं। गोबर के गमले शुद्ध एवं पवित्र होते हैं। गोबर के गमले 9 माह तक अपने स्वरूप में सुरक्षित रहते हैं। गोबर के गमले वजन में हल्के, फफून्दरोधी व दीमकरोधी (एन्टी टर्माइट) है। पौधों की रोपाई करने के लिए यह सबसे अच्छा माध्यम है। गोबर के गमलों को सीधे जमीन में लगाया जा सकता है। गोबर के गमलों को ढलाई के बाद 5 दिन तक सुखाया जाता है। इसे अन्य मिट्टी के गमलों की तरह पकाया नहीं जाता है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर के आरंग विकासखंड के ग्राम बनचरौदा में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गोबर के गमलों का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे गौपालकों सहित महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है।