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अब दुष्कर्म पीडि़ताओं को भी मिलेगा गन लाइसेंस, सरकार ने बताई ये बड़ी वजह

locationरायपुरPublished: Jan 01, 2018 04:36:29 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

दुष्कर्म के बाद पीडि़ताओं को आरोपी की ओर से धमकी देने के मामले आते रहे हैं। एेसे में आत्मरक्षा के मकसद से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।

rape victim

Chhattisgarh Department of Women and Child Development

जितेन्द्र दहिया/रायपुर. अब छत्तीसगढ़ सरकार भी दुष्कर्म पीडि़ताओं को बंदूक का लाइसेंस देने की तैयारी कर रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर छत्तीसगढ़ शासन को भेज दिया है। पिछले कुछ दिनों में राजधानी समेत कई जिलों में दुष्कर्म के मामले सामने आए। दुष्कर्म के बाद पीडि़ताओं को आरोपी पक्ष की ओर से धमकी देने के साथ ही नुकसान पहुंचाने के मामले आते रहे हैं। एेसे में आत्मरक्षा के मकसद से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।
प्रस्ताव के मुताबिक अगर दुष्कर्म पीडि़ता चाहती है कि उसे तत्काल शस्त्र लाइसेंस दिया जाए, तो गृह विभाग इस मामले में तत्काल कदम उठाएगा। इसके साथ ही इसमें शस्त्र अधिनियम 2016 का ध्यान रखा जाएगा। और नियमों के दायरे में आने पर ही पीडि़ता को शस्त्र लाइसेंस उपलब्ध कराया जाएगा।

बढ़ रहे हैं दुष्कर्म के मामले
छत्तीसगढ़ में 2017 में दुष्कर्म के 1716 और सामूहिक दुष्कर्म के 60 प्रकरण दर्ज हुए। इस तरह दुष्कर्म के 1776 केस दर्ज हुए हैं। इस वर्ष सिर्फ रायपुर में ही दुष्कर्म के 189 मामले दर्ज किए गए हैं, जो राज्य के 27 जिलों में प्रथम स्थान पर है। इसी तरह दूसरे स्थान पर दुर्ग 129, तीसरे स्थान पर सरगुजा 110, चौथे नंबर पर बिलासपुर 107 और पांचवें स्थान पर रायगढ़ में 105 केस दर्ज हैं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मंत्रालय से जारी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 में दुष्कर्म के 1502 मामले, 2015 में 1629 और वर्ष 2016 में 1700 मामले दर्ज किए गए। इसी तरह, 2014 से लेकर अब तक सामूहिक दुष्कर्म के 257 मामले दर्ज किए गए हैं।

महिलाओं में बढ़ेगा आत्मविश्वास
महिला एवं बाल विकास विभाग का तर्क है कि सभी दुष्कर्म पीडि़ताओं को हर वक्त सुरक्षा दे पाना संभव नहीं है। कई मामलों में देखा गया है कि दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद आरोपी पीडि़ता पर दबाव बनाने व धमकाने की कोशिश करता है। लिहाजा पीडि़ताओं को आत्मरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा।

मध्यप्रदेश ने की थी पहल
कुछ माह पहले मध्यप्रदेश सरकार ने भी दुष्कर्म पीडि़ताओं को शस्त्र लाइसेंस देने को हरी झंडी दी थी। इसके बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार भी यह पहल करने जा रही है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशिला साहू ने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में देखने में आया है कि पीडि़ता की जान पर खतरा बना रहता है। दुष्कर्म पीडि़ता को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने से न केवल उसकी सुरक्षा होगी, बल्कि उसका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
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