रायपुर रेल मंडल के हथबंद स्टेशन यार्ड में 16 अगस्त को रात 12 बजे से ब्लॉक लिया गया था। लेकिन रात 1 बजे तक रेल परिचालन विभाग से हरी झंडी नहीं दी, उसी दौरान बरौनी एक्सप्रेस की चपेट में आने से सेक्शन इंजीनियर की मौत हो गई। एक सुपरवाइजर गंभीर रूप से घायल है।
सुरक्षा के मुद्दे पर आक्रोशित कर्मचारी ने डीआरएम का घेराव किया था। रेलवे अस्पताल में जमकर नारेबाजी की। इसे देखते हुए सोमवार को डीआरएम कौशल किशोर ने सिग्नल एंड टेली कम्यूनिकेशन विभाग के सीनियर सुपरवाइजर और कर्मचारियों को बुलाकर बंद कमरे में चर्चा की। इस दौरान डीआरएम ने कर्मचारियों को साफ कह दिया कि ब्लॉक के दौरान काफी दबाव बन जाता है। हथबंध की घटना उसी का नतीजा है। ब्लाक शुरू होने से पहले ही सेक्शन कर्मचारियों को उतार दिया जाता है।
डीआरएम रायपुर रेलवे कौशल किशोर अभी तक ब्लॉक शुरू होने से पहले उस सेक्शन से जो ट्रेन गुजरती थी, उसके ड्राइवर को कौशल आर्डर नहीं दिया जाता था। अब ब्लॉक से एक घंटे पहले तक चलने वाली ट्रेनों के चालकों को भी कॉशन आर्डर देने का निर्णय लिया गया है। इससे ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हेागी।