कोरोना रफ्तार: हर 18वें दिन दोगुनी हो रही मरीजों की संख्या, अक्टूबर तक 60 हजार लोग हो सकते हैं संक्रमित
इसके बाद स्थिति बिगडऩी शुरू हुई और अगले 18 दिन (04 अगस्त) को आंकड़ा 1000 और अगले 18 दिन (22 अगस्त) में संक्रमितों की संख्या 20000 पार जा पहुंची। स्पष्ट है कि अब कोरोना मरीजों की संख्या 18वें दिन दोगुनी हो रही है।

रायपुर. प्रदेश के 28 जिले, सभी 146 विकासखंडों और हजारों गांवों तक कोरोना अपनी पैठ मजबूत कर चुका है। हर दिन वायरस की घुसपैठ और ज्यादा बढ़ रही है। संक्रमण की भयावकता का अंदाजा इन आंकड़ों से ही लगाना पाना संभव है, जिसने स्वास्थ्य विभाग के सभी फॉर्मूले, पूर्वानुमान को फेल साबित कर दिया है।
प्रदेश में 18 मार्च को पहला संक्रमित मरीज रायपुर में मिला। उसके बाद 17 जुलाई यानी पूरे 122 दिन बाद संक्रमित मरीजों की संख्या 5000 का आंकड़ा पार गई। मगर, इसके बाद स्थिति बिगडऩी शुरू हुई और अगले 18 दिन (04 अगस्त) को आंकड़ा 1000 और अगले 18 दिन (22 अगस्त) में संक्रमितों की संख्या 20000 पार जा पहुंची। स्पष्ट है कि अब कोरोना मरीजों की संख्या 18वें दिन दोगुनी हो रही है।
अगर, यही रफ्तार रही तो क्या सिंतबर-अक्टूबर तक प्रदेश में 60000 लोग संक्रमित हो जाएंगे? इसका जवाब है, पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभाग की २० मई को आई वह रिपोर्ट जिसमें उल्लेख था कि अगले 4-5 महीने में प्रदेश में 50000 लोग संक्रमित हो सकते हैं। अब उस रिपोर्ट को नजर-अंदाज नहीं किया जा सकता।
3 बड़ी चुनौतियां-
सैंपलिंग- हर उस मरीज की सैंपलिंग अनिवार्य है जिन्हें सर्दी, जुकाम, खांसी की शिकायत है। स्वास्थ्य विभाग ने यह आदेश भी निकाल दिया है कि डॉक्टर, इन लक्षणों के पाए जाने पर कोरोना टेस्ट अनिवार्य रूप से करवाएं।
टेस्टिंग- प्रदेश में सभी मेडिकल कॉलेजों में आरटी-पीसीआर लैब खुलने, 18 जिलों में ट्रूनेट मशीन लगनें, निजी लैंब को मान्यता मिलने और एंटीजन टेस्ट करने के बावजूद 10000 टेस्ट रोजाना नहीं हो पा रहे हैं।
कांटेक्ट ट्रेसिंग- सैंपल देने वाले संदिग्ध व्यक्ति फॉर्म में नाम, पता और मोबाइल नंबर तक गलत लिख रहे हैं। लोग फोन बंद करके भी बैठ जा रहे हैं। जिसकी वजह से कांटेक्ट्र टे्रसिंग टीम को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।इनकी वजह से संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है।
बेड कहां से लाएंगे
सोचिए, संक्रमण के फैलने की वजह हमारी-आपकी लापरवाही ही है। वर्तमान में जो अनुमान लगाए जा रहे हैं कि निश्चित तौर पर सरकार के सामने स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की बड़ी चुनौती है। वर्तमान में कोविड-19 हॉस्पिटल, कोरोना केयर सेंटर और वर्तमान में कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों में 2200 के करीब बेड होने की बात कही जा रही है। मगर, वेंटीलेटर और आईसीयू की संख्या भी बढ़ानी होगी। क्योंकि सांस की तकलीफ के मरीज बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं।
रिकवरी रेट घटकर 61.3 प्रतिशत पर
प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के लिए मुसीबत इसलिए बढ़ रही है क्योंकि जिस रफ्तार से मरीज मिल रहे हैं, उस रफ्तार से स्वस्थ नहीं हो रहे। जुलाई में ही रिकवरी रेट 78.2 प्रतिशत पर था, मगर आज यह बहुत ज्यादा गिरकर 61.3 पर जा पहुंचा है। मृत्युदर भी 0.91 पर प्रतिशत पर आ गई है, जो 0.2 पर हुआ करती थी।
हमारी जिद, पड़ी सिस्टम पर भारी
लगातार यह अपील की जा रही है कि मास्क लगाएं, सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मगर, हम हैं कि जिद ठाने बैठे हैं कि निर्देशों को नहीं मानना है। वक्त तो हमेशा रहता है, अब भी है। नियमों का पालन करके दूसरों को संक्रमित होने से बचा सकते हैं, खुद संक्रमित होने से बच सकते हैं।
राजधानी सबसे बड़ा हॉट स्पॉट-
राजधानी रायपुर कोरोना का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बनी हुई है। बीते एक महीने में हर दिन रायपुर से ही सर्वाधिक मरीज मिल रहे हैं। एक दिन में 300 से अधिक मरीज भी मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा १०० मौतें रायपुर में ही दर्ज हुई हैं। आम, खास, नेता, अफसर सभी संक्रमित हो रहे हैं।
जुलाई में मरीज बढऩे शुरू हुआ, जो लगातार बढ़ रहे हैं। ये आंकड़े विभाग के पूर्वानुमान से अधिक हैं। उम्मीद है कि सितंबर से गिरावट दर्ज होगी। इसे कोरोना का पीक फेज मानकर चलिए।
डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग
अब पाइए अपने शहर ( Raipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज