सरकार की चेतावनी के बाद भी नर्सों की हड़ताल जारी, मरीजों की हालत बिगड़ी
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले सावतें दिन भी नर्सों की हड़ताल जारी रही।

रायपुर . छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले सावतें दिन भी नर्सों की हड़ताल जारी रही। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक मांगे पूरी नहीं की जाएगी, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। नर्सों के हड़ताल को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के समर्थन के बाद डॉक्टरों ने भी नर्सों के आंदोलन को भी समर्थन दिया है।
इससे पहले वेतनमान सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर वे लंबे समय से आंदोलन कर रही हैं, लेकिन शासन मांगों की तरफ ध्यान नही नहीं दे रहा है। ईदगाहभाठा में नर्सों द्वारा किए जा रहे अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की छत्तीसगढ़ शाखा ने गुरुवार को अपना समर्थन दिया है। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक त्रिपाठी, रायपुर जिलाध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा, अध्यक्ष हॉस्पीटल बोर्ड डॉ. राकेश गुप्ता, जिला सचिव डॉ. अनिल जैन ने नर्सों से मुलाकात कर उनकी मांगों को जायज करार दिया है।
वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने धरने पर बैठी नर्सों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए चेतावनी दी है कि काम पर नहीं लौटने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। बाजवूद इसके गुरुवार को भी वे काम पर नहीं लौटी और ईदगाहभाठा में धरने पर बैठी रहीं।
ज्ञात हो कि नर्सों की हड़ताल से अंबेडकर अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ी हुई है। यहां से मरीजों को डिस्चार्ज करने के अलावा अन्य अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। वहीं ऑपरेशन के लिए मरीजों की वेटिंग बढ़ती जा रही है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि आखिरकार नर्सों की हड़ताल कब समाप्त होगी।
वहीं अस्पताल की व्यवस्था बीएससी नर्सिंग छात्राओं के भरोसे संचालित की जा रही हैं। मरीजों को ऑपरेशन के लिए पखवाड़े भर का वेटिंग दिया जा रहा है। गंभीर मरीजों को परिजनों द्वारा रेफर कराकर निजी अस्पतालों में ले जाया जा रहा है।
महज झुनझुना पकड़ा रही राज्य सरकार
नर्सों का आरोप है राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदों पर आसीन अफसरों द्वारा बीते 3 वर्षों से उन्हें महज आश्वासन का झुनझुना पकड़ा रही है। हड़ताल या प्रदर्शन की स्थिति में झूठा दिलासा देते हुए काम पर वापस लौटने की बात कही जाती रही है।
हालांकि नर्सों ने अब मांगें पूरी नहीं किए जाने की स्थिति में हड़ताल समाप्त नहीं करने की बात कही है। पारिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ की प्रांताध्यक्ष देवाश्री साव का कहना है कि कि स्टाफ नर्सों को साढ़े तीन या 4 वर्ष की ट्रेनिंग देकर पदस्थ किया जाता है। दूसरे राज्यों में स्टाफ नर्सों को 4600 रुपए ग्रेड-पे दिया जाता है। जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में 2800 रुपए दिया जा रहा है।
राज्य में नर्सिंग कैडर में पदोन्नति की समय सीमा भी तय नहीं की गई है। केंद्र सरकार द्वारा देश में स्टाफ नर्सों का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर कर दिया है, जबकि छत्तीसगढ़ में सरकारी दस्तावेजों में स्टाफ नर्स दर्शाया जा रहा है।
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