पिछले सप्ताह 70 से अधिक व्यापारियों ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए एडीएम कार्यालय में आवेदन किया है। जबकि इन्हीं व्यापारियों ने दुकानें बाहर ले जाने के लिए शपथ-पत्र दिया था। इसी शर्त पर दिवाली में इनका लाइसेंस तब रिन्यू हुआ था। अब तक एक भी व्यापारी ने दुकान और गोदाम बाहर शिफ्ट नहीं किया है। जिले में 400 से Óयादा पटाखा व्यापारी हैं। इनमें से सिर्फ 12 को स्थायी लाइसेंस मिला है। बाकी दुकानें अवैध तरीके से सजी हुई हैं।
चार वर्षों से चल रही है कवायद तत्कालीन कलेक्टर ठाकुर राम सिंह ने मध्यप्रदेश के पेटलाबाद में हुई आगजनी की घटना के बाद शहर की पटाखा दुकानों को रहवासी इलाकों से बाहर करने की कवायद शुरू की थी। इसके बाद कलेक्टर ओपी ‘ाौधरी ने सभी पटाखा व्यापारियों के लाइसेंस नवीनीकरण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद लगातार अधिकारियों के तबादले होते रहे और आज तक पटाखा व्यापारियों के दुकानों और गोदामों की जांच नहीं हो पाई।
हाईकोर्ट के निर्देश पर दिया था शपथ- पत्ररायपुर के लाइसेंसधारी स्थायी पटाखा कारोबारियों को 400 किलोग्राम तक पटाखा रखने की अनुमति रहती है। अब बिना लाइसेंस के ही दुकान संचालकों द्वारा इससे Óयादा स्टॉक जमा कर लिया गया है। किसी दुकान में हादसे की स्थिति में हजारों लोग चपेट में आ जाएंगे। तत्कालीन कलेक्टर ठाकुर राम सिंह के आदेशानुसार सभी कारोबारियों को 24 दिसंबर 2015 तक दुकानें शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए नोटिस दिया गया था। कारोबारियों ने समय मांगा तो 15 मार्च 2016 तक की मोहलत दी गई। इसके बाद &0 नवंबर 2017 को सभी पटाखा कारोबारियों का स्थायी लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। कारोबारी हाईकोर्ट चले गए। वहां से एक महीने का समय दिया गया। कोर्ट ने जिला प्रशासन से कहा कि सशर्त एक महीने के लिए अनुमति दें क्योंकि अभी दिवाली का त्योहार है। कारोबारियों ने शपथ-पत्र दिया कि एक महीने बाद शहर से बाहर कारोबार करेंगे। लेकिन किसी ने इसका पालन नहीं किया।
करोड़ों का कारोबार हर माहप्रदेश में पटाखों का सबसे बड़ा बाजार राजधानी रायपुर में ही है। यहीं से प्रदेश के अधिकतर इलाकों में सप्लाई होती है। त्योहारी सीजन में पटाखे का कारोबार कई गुना बढ़ जाता है। आम दिनों में हर माह औसतन 2 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। सभी की फाइल चेक करवाता हूंपटाखा व्यापारी लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं।
दुकानों को शिफ्ट करने संबंधी शपथ पत्र के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। सभी की फाइल चेक करवाता हूं। विनीत नंदनवार, एडीएम, रायपुर