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किसानों की जमीन का 7 करोड़ 16 लाख दबा कर बैठे जिम्मेदार, अधिकारियों को नहीं है सुध

locationरायपुरPublished: Sep 07, 2021 10:32:26 pm

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CG Desk

– जमीन अधिग्रहण में फुर्ती, मुआवजा भुगतान में एनएचएआई के अधिकारियों की आनाकानी.

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एक्सक्लूसिव
रायपुर
. हाइवे सड़क बनाने के लिए सैकड़ों किसानों की जमीन अधिग्रहित कर ली गई। उन सड़कों पर ट्रैफिक भी दौडऩे लगा है, परंतु प्रभावितों के मुआवजा का निराकरण करने के बजाय उन्हें रुलाने पर जिम्मेदार तुले हुए हैं। हैरानी की बात ये कि जिला प्रशासन ने कभी सख्त रुख ही नहीं अपनाया। नतीजा, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी बकाया भुगतान करने में आनाकानी का रवैया अपना लिया है। सरकारी दस्तावेजों में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि 74 प्रभावितों का 7 करोड़ 15 लाख 47 हजार 536 रुपए अभी तक बकाया है, जिसे जिम्मेदार फाइलों में दबा रखे हैं।

मुआवजा बकाये का ये आंकड़ा रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का रायपुर से सिमगा के बीच का है। इस मार्ग को सिक्सलेन बनाने के लिए किसी की दुकानें, मकान और सड़क किनारे की जमीन फंसी, जिसमें 26 गांवों के लोग जमीन अधिग्रहण के दायरे में आए। सर्वे के बाद जिला प्रशासन के सहयोग जमीन अधिग्रहित कर ली गई। ऐसे प्रकरणों में ये भी साफ है कि प्रभावितों के राजस्व रेकॉर्ड में दर्ज रकबे का सत्यापन कर पीडि़तों को मुआवजा दिलाने के लिए वर्ष 2015-16 में ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायपुर द्वारा अवार्ड पारित किया गया, परंतु इतने साल बीत जाने के बाद भी प्रभावित मुआवजा के लिए भटक रहे हैं। जमीन हाथ से निकल जाने के बाद अब प्रभावितों की कोई सुनवाई नहीं है।

इन 26 गांवों की अधिग्रहित की गई जमीन
रायपुर तहसील के रेकॉर्ड के अनुसार रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले 26 गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इनमें टाटीबंद, जरवाय, तेंदुआ, सोनडोंगरी, सरोरा, उरला, अछोली, कन्हेरा, निमोरा, रावांभाठा, धनेली, सांकरा, सिलतरा, चरौदा, धरसींवा, कूंरा, कपसदा, तिवरैया, देवरी, सडड़ू, मोंहदा, तरपोंगी, सांकरा चमराई, भूमिया, बेमता शामिल हैं।

जमीन अधिग्रहण का पूरा मामला एक नजर में

– 27 लाख 03 हजार 236 वर्गमीटर कुल अधिग्रहित भूमि
– 2 अरब 8 करोड़ 11 लाख 43 हजार 131 रु. मुआवजा राशि अवार्ड

– 1 अरब 82 करोड़ 11 लाख 77 हजार 162 रु. भुगतान हुआ
– 74 प्रभावित किसानों के मुआवजा का निराकरण नहीं

– 7 करोड़ 15 लाख 47 हजार 536 रु. एनएचएआई दबा कर बैठा

रेकॉर्ड दुरुस्त होने पर भी मुआवजा अटका
रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के ही 100 प्रभावित किसान ऐसे हैं, जिनके रकबे का बटांकन से पहले जमीन अधिग्रहित की गई थी। जिसे दुरुस्त कर राजस्व अधिकारी ने मुआवजा देने का प्रस्ताव राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को दिया है।

ऐसा ही लोचा तेलीबांधा-महासमुंद रोड में भी
रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रभावितों की तरह ही तेलीबांधा-महासमुंद रोड पर जोरा के पास जिन किसानों की जमीन रोड में फंसी हुई है, उनके मुआवजा का भी निराकरण नहीं हुआ। राजस्व अधिकारी बातते हैं कि कई पीडि़त हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। ऐसे 20 प्रकरणों में कोर्ट ने आदेश दिया है कि भूस्वामी को मुआवजे से वंचित नहीं किया जा सकता है।

टाटीबंध फ्लाईओवर जमीन की अंतिम अधिसूचना
राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा टाटीबंध चौक पर फ्लाईओवर निर्माण कराया जा रहा है। इसके दायरे में 2 हजार वर्गफीट निजी जमीन अधिग्रहित की जानी है। प्रारंभिक अधिसूचना प्रकाशन पर कोई दावा-आपत्ति नहीं आने पर अब अंतिम प्रकाशन किया जा रहा है, ताकि प्रभावितों को मुआवजा मिल सके। इसका भुगतान भी राष्ट्रीय राजमार्ग को करना है।

राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्रीय अधिकारियों को कई बार परिपत्र भेजा गया है। रायपुर-बिलासपुर रोड के लिए अधिग्रहित जमीन का हस्तांतरण भी राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम कर दिया गया है। मुआवजा भुगतान की जिम्मेदारी हाइवे के क्षेत्रीय अधिकारियों की है।
– प्रणव सिंह, एसडीएम, रायपुर राजस्व अनुविभाग

रिकॉर्ड सही है तो पूरा भुगतान प्रभावितों का किया जाएगा। रायपुर-बिलासपुर रोड की अधिग्रहित जमीन के पारित अवार्ड की फाइल रायपुर प्रोजेक्ट मैनेजर से मंगाया है। परीक्षण कर मामले का निराकरण किया जाएगा। महासमुंद रोड मामले की विभागीय तौर पर कोर्ट में याचिका दायर है।
– एके मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, एनएचएआई

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