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पर्यटन मंडल में 58 पदों पर हुई भर्ती में सामने आई ये बड़ी गड़बड़ी, एेसे हुआ फर्जीवाड़ा

locationरायपुरPublished: Jul 23, 2018 03:27:42 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में 58 पदों पर हुई भर्ती में गड़बड़ी की जांच टीम 215 दिन बीतने के बाद भी नहीं कर पाई है।

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58 पदों पर हुई भर्ती में सामने आया ये फर्जीवाड़ा, टीम अब तक नहीं कर पाई जांच

रायपुर. छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में 2008 में 58 पदों पर हुई सीधी भर्ती में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा पत्रिका ने अपने 18 दिसंबर 2017 के अंक में किया था। तब अधिकारियों में मामले की जांच के निर्देश दिए थे। इसके लिए तीन सदस्यीय जांच टीम भी बनाई गई लेकिन तकरीबन 215 दिन बीतने के बाद महज 180 पेज की जांच नहीं हो पाई है।
पत्रिका को मिले दस्तावेजों से जो अहम बात सामने आई थी कि भर्ती में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के लिए आरक्षित पदों पर नेपाल के 5वीं पास लोगों की भर्ती कर ली गई थी। इस पर वित्त विभाग ने पत्र क्रमांक यूओ-क्रमांक 318/व-2/चार/2007 के माध्यम से अनुमति दे दी। इसके बाद मंडल से जारी भर्ती के विज्ञापन में इन पदों के लिए 16 नियम व शर्तों का उल्लेख किया गया।
इसके जरिए पर्यटन अधिकारी, कम्प्युटर ऑपरेटर, सूचना सहायक व हेल्पर के पदों भर्ती की गई। एक पद के लिए तो एक अभ्यर्थी ने अपना पांचवी का प्रमाण पत्र नेपाल के गंदाकी जोन का दिया है। जबकि, विज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख है कि छत्तीसगढ़ के मूल निवासी ही इन पदों के लिए पात्र हैं। अधिकांश पदों पर आला अधिकारियों और नेताओं के बेटों को नियुक्त किया गया है।

उप अभियंता के पदों पर आयु सीमा में छूट
उप अभियंता के तीन पदों पर भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों में से एक को नियम विरुद्ध आयु सीमा में छूट देकर नियुक्ति दी गई। अवेदकों ने अवेदन में डीडी का भी विवरण नहीं दिया। सत्यापित दस्तावेज व फोटो भी नहीं लगाया गया। इस पद के लिए पांच वर्ष का अनुभव मांगा गया था, लेकिन दो वर्ष का ही अनुभव दिया गया।

आधे-अधूरे दस्तावेज
पर्यटन अधिकारी के छह पदों पर भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में नियमों के अनुसार प्रतिष्ठित टे्रवल एजेंसी या संस्थान से दो साल का अनुभव मांगा था, लेकिन एक साल का लगाया गया। इसी तरह तीन अभ्यर्थियों द्वारा डीडी का विवरण नहीं दिया गया। आवेदन में हस्ताक्षर भी नहीं किए गए। एक अन्य अभ्यर्थी के आवेदन में छग शासन के अजा एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव के निजी सचिव द्वारा राजपत्रित अधिकारी बतौर सत्यापित किया गया है। इसके अलावा एक के आवेदन में हस्ताक्षर ही नहीं हैं। एक उम्मीदवार ने आवेदन पत्र में लिखी गई योग्यता का कोई भी दस्तावेज संलग्न नहीं किया।

आरक्षित पद को बनाया अनारक्षित
निज सहायक/ स्टेनोग्राफर, अध्यक्ष कार्यालय के 1 पद पर भर्ती की गई थी। इसके आवेदन में डीडी का विवरण नहीं, फोटो भी राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित नहीं है। यह पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था, लेकिन इसे सामान्य श्रेणी में संशोधित कर नियुक्ति की गई।

समिति के सदस्य के रिश्तेदार की भर्ती
सूचना सहायक पद पर 14 लोगों की भर्ती में एक अभ्यर्थी ने अपने स्थायी पते में भर्ती समिति के एक सदस्य के पते को अपना स्थायी पता बताया है। इसके अलावा मूल निवासी प्रमाण पत्र जो दुर्ग जिले से बनाना बताया गया है, वह भी संदेहास्पद है। अहम बात तो यह है कि सूचना सहायक के 2 महिला अरक्षित पदों को बढ़ाकर 3 करने के लिए अलग से आदेश निकाला गया।

संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के संचालक संजय सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांचकर्ताओं ने अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है। रिपोर्ट मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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