जिस अफसर…
अधिकारियों को कागजात दिखाने के बजाए, अशोक ने दबंगई दिखाई। यहां तक की एसआई की वर्दी तक फट गई। पुलिस तो अब तक एफआईआर दर्ज करने में टालमटोल तो कर ही रही है, कल तक अपने अधिकारियों को पाक साफ और कार्रवाई को सही ठहराने वाले परिवहन आयुक्त ओ.पी. पाल के सुर भी घटना के तीसरे दिन बदल गए। उप आयुक्त श्वेता सिन्हा को जांच अधिकारी नियुक्त कर अपने अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। शर्मा की उडऩदस्ते से छुट्टी कर परिवहन मुख्यालय में अटैच कर दिया है।
हमारे स्टॉफ की कोई गलती नहीं है। शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई गई है। इसकी शिकायत थाने में दर्ज करा दी गई है। आगे बयान के लिए बुलाया जाएगा, तो हमारे अधिकारी जाएंगे। बाफना जनप्रतिनिधि हैं। उन्होंने अधिकारियों को बुलवाया था। उनके सामने हमारे अधिकारियों को मारने दौड़ा। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मैं किसी के दबाव में नहीं हंू। 15 दिन पूर्व की गई कार्रवाई के बाद हमारे अधिकारियों से रंजिश की बात सामने आई है। मैं उसकी विभागीय जांच करवा रहा हंू। जांच चल रही है, इसलिए शर्मा को मुख्यालय में संलग्न किया गया है।