94 वर्षीय देवराज ने लगवाया पहला डोज बुजुर्गो में कोरोना टीकाकरण के प्रति खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। गुरुवार को 94 वर्षीय देवराज चौहान ने पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर स्थित कोविड-19 केंद्र पहुंचकर पहला डोज लगवाया। जानकारी के मुताबिक वे टीका लगवाने वाले रायपुर के सबसे अधिक उम्र दराज व्यक्ति हैं। इस मौके पर टीकाकरण केंद्र के स्टफ डॉ नरेश साहू, मंजू साहू, सीता साहू, हेमलता सोनकर, भुनेश्वरी निर्मलकर और कलेश्वरी साहू मौजूद रहीं।
आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक चंद्राकर ने बताया कि वैक्सीन सभी को लगवानी चाहिए, अगर नहीं लगवाते हैं तो वायरस कभी भी आपको पकड़ सकता है। अब तो लगातार नए स्ट्रेन आ रहे हैं, हर आयुवर्ग को यह अपनी चपेट में ले रहा है। इसलिए जरूरी है कि वैक्सीन लगवाएं, निश्चिंत हो जाएं। मगर, कोरोना की गाइड-लाइन, मास्क लगाना, सोशल डिस्टेसिंग और हाथ धोने जैसे नियमों का पालन करते रहें। क्योंकि वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमित होने की संभावना होती है, मगर लक्षण माइल्ड होंगे।
डीकेएस हॉस्पिटल के उप अधीक्षक डॉ. हेमंत शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के टीके का दोनों डोज लगवा चुका हूं। अभी तक कोई समस्या सामने नही आई है। टीका लगने के बाद काफी सुरक्षित महसूस कर हूं। वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है।
रायपुर वरिष्ठ वकील बद्री विशाल अग्रवाल ने बताया कि जब डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे रही है तो फिर कोई शंका नहीं रह जाती। वैक्सीन लगाने के बाद मैं पूरी तरह से निश्चिंत हूं। कभी डरा नहीं, क्योंकि मैंने नियमों का पालन किया।
नर्सिंग कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. रीना बराई ने बताया कि कोरोना टीके को लेकर पहले मन में काफी भ्रम व संशय था, जो लगवाने के बाद दूर हो गया है। टीके से खुद को और परिवार के अन्य सदस्यों को कोरोना वायरस से सुरक्षित कर लिया है। लोगों को टीका लगवाने के लिए आगे आना चाहिए।
दुर्ग के 60 वर्षीय बुजुर्ग मदन ने बताया कि वैक्सीन लगवाने के बाद अब तक कोई परेशानी नही हुई है। टीके के बाद बुखार भी नही आया था। पहले की भांति सारे काम स्वयं करता हूं। घर से बाहर कम निकलता हूं। यदि किसी वजह से कही जाना भी पड़ता है तो मास्क जरूर लगाता हूं।