scriptसोमवार को कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में दिखा श्रद्धा का सैलाब | On Monday, reverence in the Kuleshwanath Mahadev temple | Patrika News

सोमवार को कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में दिखा श्रद्धा का सैलाब

locationरायपुरPublished: Jul 07, 2020 05:13:03 pm

Submitted by:

dharmendra ghidode

नदी में घुटने से ऊपर पानी भी नहीं रोक पाई श्रद्धालुओं को, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया
 

सोमवार को कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में दिखा श्रद्धा का सैलाब

सावन के पहले सोमवार पर कुलेश्वरनाथ के दर्शन करने भीड़ उमड़ पड़ी।

नवापारा-राजिम. सावन के पहले सोमवार के अवसर पर पैरी, सोंढूर और महानदी के त्रिवेणी संगम के मध्य स्थित भगवान श्री कुलेश्वरनाथ के दर्शन करने भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर के चारों ओर घुटने जितने पानी भी श्रध्दालुओं की आस्था को नहीं डिगा सकी। श्रध्दालु परिवार सहित नदी पार कर महादेव मंदिर पहुंचे।
नदी पार करते समय भी सोशल डिस्टेंस का पालन किया। मंदिर पहुंचे श्रध्दालुओं ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर समिति व्दारा बनाई गई व्यवस्था अनुरूप भगवान के दर्शन कर आशिर्वाद लिया। भक्त अपने हाथों में त्रिवेणी संगम का जल पात्र में लेकर गर्भगृह में उपस्थित पुजारी को देकर जलाभिषेक की कामना पूरी करते रहे। त्रिवेणी संगम में बहती हुई जल धारा मानों मंदिर के सौंदर्य पर चार चांद लगा दिया। श्री कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है।
वहीं श्रंध्दालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखाई दी। इस बारें में भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव का दर्शन करने आए श्रंध्दालुओं से बात की तो उनके चेहरे पर उमंग और उत्साह नजर आया। त्रिवेणी संगम के मध्य में विराजमान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव का यह मंदिर लोगों की आस्था, श्रध्दा व विश्वास का केन्द्र भी है।
मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितगण श्रध्दालुओं से जल लेकर कुलेश्वर महादेव भगवान का जलाभिषेक करते रहे। साथ ही साथ श्रीफल, अगरबत्ती, फूल, बेलपत्ति, धथूरा, शहद, गुलाल, दूध, दही, फूड़हल का पुष्प, जनेउ सहित अष्ठ द्रव्य भक्तगण अर्पित करते रहे।
वहीं जयकारा हर हर महादेव, बोलबम, जय शिव शंभू, आदि से पूरा मंदिर परिसर गुंजता रहा। श्रंध्दालुओं को यह पहला मौका लगा कि वे गर्भगृह में जाकर जलाभिषेक नहीं कर पाए। पुजारियों ने बताया कि जो व्यवस्था मंदिर समिति ने बनाई है, उसी के आधार पर हमने आज पूजा पाठ की और श्रंध्दाुओं के द्वारा दी गई सामग्री भगवान को अर्पण की।
यह क्रम गरीबनाथ, मंदिर में भी चलता रहा। सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर भगवान को पुष्प एवं अन्य वस्तुएं अर्पित की। सभी मंदिरों में घंटी की आवाज व जयकारे के नारे लगते रहे। संध्या के समय पुजारियों ने भगवान की भव्य आरती की।
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