scriptकोरबा : लॉकडाउन में डेढ़ लाख तो अब सिर्फ 4 हजार मजदूरों को काम | One and a half lakhs in lockdown, now only 4 thousand laborers work | Patrika News

कोरबा : लॉकडाउन में डेढ़ लाख तो अब सिर्फ 4 हजार मजदूरों को काम

locationरायपुरPublished: Jan 21, 2021 08:34:09 pm

Submitted by:

ramdayal sao

– विभाग का तर्क : रोजगार सहायकों की हड़ताल का असर
– लॉकडाउन में डेढ़ लाख तो अब सिर्फ 4 हजार मजदूरों को काम

कोरबा : लॉकडाउन में डेढ़ लाख तो अब सिर्फ 4 हजार मजदूरों को काम

कोरबा : लॉकडाउन में डेढ़ लाख तो अब सिर्फ 4 हजार मजदूरों को काम

raipur/कोरबा. लॉकडाउन में जहां मनरेगा में काम की रफ्तार भी तेज थी, साथ ही काम करने वाले मजदूरों की संख्या भी सवा से डेढ़ लाख के बीच जा पहुंची थी। अब जब खेती सीजन तक खत्म हो चुका है। उसके बाद भी महज साढ़े 4 हजार मजदूर ही काम कर रहे हैं। अधिकारियों का तर्क है कि रोजगार सहायकों की हड़ताल की वजह से मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में नरवा गरवा घुरवा बाड़ी (एनजीजीबी) से संबंधित काम की भरमार होने के बाद भी मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। एक ओर एनजीजीबी के तहत काम पूरा करने का दबाव है, वहीं मजूदरों की कमी अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। वर्तमान में मनरेगा में एक लाख 175 हजार जॉब कार्डधारियों में साढ़े चार हजार मजदूर ही कार्यरत हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में अब तक लंबित कार्यों को अक्टूबर में ही हरी झंडी मिल गई थी।
नए कार्यों में नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के तहत तालाब गहरीकरण, गोठान निर्माण, तालाब गहरीकरण, नया तालाब का निर्माण, सिंचाई योजना के तहत कूप निर्माण, वनाधिकार पट्टा प्राप्त भूमि में सुधार कार्य आदि शामिल हैं। दरअसल मजदूर तो काम करने आ रहे हैं, उनकी मांग के अनुरूप काम भी नहीं मिल पा रहा है। जब लॉकडाउन में मजदूरों को सबसे अधिक काम उपलब्ध कराया गया था। तब की स्थिति में डेढ़ लाख मजदूर ही महीने काम कर रहे थे।

बीते कुछ महीनों में मजदूरों को मिले काम पर एक नजर
माह – मजदूरों को काम
अप्रैल 2020- 60647
मई – 126925
जून – 152728
जुलाई -25699
अगस्त- 18810
सितंबर -11882
अक्टूबर -19132
नवंबर – 39229
दिसंबर – 99309
जनवरी 2021 – 28784

अधूरे कार्यों को प्राथमिकता, लेकिन अब तक पूरे नहीं
रोजगार गारंटी योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष के रुके कार्यों को पहली प्राथमिकता दी जा रही है, जिसमें नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के अंतर्गत तालाब गहरीकरण व पशु आश्रय स्थली के कूप निर्माण कार्य शामिल है। पिछला बकाया के भुगतान में प्रगति नहीं है। मस्टररोल ऑनलाइन होने के बाद राशि का सीधा भुगतान होने से योजना में सुधार आने के आसार नजर आ रहे हैं। अब तो काम पूरी तरह से बंद की स्थिति में है।

भुगतान में अब भी हो रही देरी
भुगतान के लिए नई प्रक्रिया एफटीओ प्रक्रिया से की जानी है, जिसके तहत अब राशि जनपदों से आवंटित न होकर सीधे मजदूरों के खाते में दी जानी है। इसके बावजूद भी समय पर एफटीओ से राशि जनरेट नहीं होने के कारण मजूदरों को समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। सर्वर डाउन, लाइन ब्लॉक जैसी तकनीकी समस्या आम हो गई है। अधिकारी मजदूरों को सीधा जवाब देते हैं कि राशि ऑनलाइन भुगतान कर दी गई है, सर्वर में खराबी है तो क्या करें।

– वर्तमान में काम की रफ्तार कुछ कम हुई है। कोशिश की जा रही है मांग के अनुरूप मजदूरों को काम उपलब्ध हो सके। – संदीप डिक्सेना, एपीओ, मनरेगा

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