कामदेव साहू ने लिखा, उनकी बहन, जीजा और तीन छोटे-छोटे बच्चे पिछले एक माह से क्वारंटाइन सेंटर में फंसे हुए हैं। उन्हें घर जाने नहीं दिया जा रहा है। उनके कोविड-19 टेस्ट का रिजल्ट नहीं आया है, जिसका सैंपल 10-12 दिन पहले लिया गया था कामदेव शाह ने आरोप लगाया है, उनके बहनोई ने सरपंच से राशन मांगा था। सरपंच ने घर से मंगाने की बात कही, उन लोगों में तू-तू मैं-मैं हुई थी।
आरोप है, सरपंच ने प्रताड़ित करने के लिए रिपोर्ट को दबा लिया है। कामदेव साहू ने लिखा, खेती का समय है। अगर उन्हें छोड़ा नही गया तो यह समय बीत जाएगा और वे खेती नहीं कर पाएंगे। झुमका गांव के सरपंच के पति जगदीश साहू ने कहा, राजकुमार साहू और उनकी पत्नी 4- 5 जून को पहुंचे थे। सेंटर में 43 लोग थे उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन में रखा था वहां दो लोग कोरोना पॉजिटिव मिल गये। 20 जून को सभी का टेस्ट हुआ। आठ लोगों को छोड़कर सभी की रिपोर्ट निगेटिव मिली, उन्हें जाने दिया गया है। इन लोगों का 3 जुलाई को फिर से टेस्ट लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री, टीएस सिंहदेव ने कहा शिकायत गंभीर हैं। टेस्ट मिलने में इतना विलंब तो नहीं होना चाहिए। कहीं कोई गलतफहमी हुई है। स्वास्थ्य और पंचायत दोनों विभागों को जांच करने के लिए कहा है। जल्दी ही रिपोर्ट मिल जाएगी।