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ऑनलाइन फ्रॉड: एफआईआर और कार्रवाई के लिए पीडि़तों को करना पड़ता है इंतजार

locationरायपुरPublished: Feb 22, 2020 04:56:41 pm

Submitted by:

Devendra sahu

अरे यार मूर्ख हो…, इतनी भी समझ नहीं है ऑनलाइन धोखाधड़ी को लेकर…, पुलिस कई बार बता चुकी है साइबर क्राइम के बारे में…

ऑनलाइन फ्रॉड: एफआईआर और कार्रवाई के लिए पीडि़तों को करना पड़ता है इंतजार

ऑनलाइन फ्रॉड: एफआईआर और कार्रवाई के लिए पीडि़तों को करना पड़ता है इंतजार

रायपुर . राजधानी के थानों में कुछ इस तरह के जुमले आम लोगों की परेशानी को कम करने की बजाय और बढ़ा देते हैं जब वह ऑनलाइन फ्रॉड की कोई शिकायत लेकर पहुंचता है। दरअसल लोग अनजाने में या लालच में ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। इससे उनका काफी आर्थिक नुकसान होता है। इससे समस्या के निवारण के लिए जब थानों में जाते हैं, तो एफआईआर कराने में कई दिन लग जाते हैं। इतनी देरी हो जाती है कि ठगी करने वालों का कुछ पता नहीं चल पाता है और पता चल भी जाता है, तो उन्हें पकडऩे के लिए टीम भेजने में भी थाने वाले आनाकानी करते हैं।

8 घंटे से पहले पहुंचने पर भी नहीं देते ध्यान
ऑनलाइन ठगी के शिकार अधिकांश लोग 8 घंटे के भीतर पुलिस के पास पहुंच जाते हैं। इसके बावजूद उन्हें राहत नहीं मिलती। आरोपियों का तो दूर उनके पैसे भी वापस नहीं आते हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस अफसरों का कहना है कि ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार होने के 8 घंटे के भीतर कोई पुलिस या साइबर क्राइम के पास पहुंचता है, तो उनके पैसे वापस मिल जाते हैं। साथ ही आरोपियों के बारे में भी काफी जानकारी मिल जाती है।

साइबर सेल में सभी की शिकायतें सुनी जाती है। कभी व्यस्तता के चलते किसी पीडि़त के काम देरी हो सकती है। थानों से ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायतें मिलती है, जिसकी जानकारी निकालकर दे दी जाती है। इसके बाद एफआईआर थाने वालों को करना होता है। कई बार पीडि़त पक्ष ही पैसा वापस मिलने के बाद एफआईआर नहीं कराते हैं।
पंकज चंद्रा, एएसपी- साइबर क्राइम, रायपुर

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