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आज 23 हजार कर्मचारियों में से सिर्फ आधे का ही आएगा वेतन, डीडीओ के विलंब से होगी देर

locationरायपुरPublished: Apr 03, 2020 09:13:39 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

लॉकडाउन के बाद संक्रमण की आशंका से पीएम लॉकडाउन के दौरान जिले के 2३ हजार से अधिक शासकीय सेवकों को मार्च की सैलरी समय पर मिल सके, इसके लिए कोषालय में लगातार काम जारी है। वित्तीय वर्ष का अंतिम समय एवं अनिवार्य सेवा होने के कारण लॉकडाउन के दौरान भी विभाग में अधिकारी कर्मचारी यहां काम कर रहे हैं।

रायपुर. लॉकडाउन के दौरान जिले के 2३ हजार शासकीय सेवकों में से आधे का ही वेतन आज मिल पाएगा। कुछ विभाग के डीडीओ ने अब तक रिकार्ड ई- वेतन देयक बनाने एवं ई पे रोल साफ्टवेयर पर सैलरी अपलोड नहीं की है। इसके लिए कुछ को शनिवार को तो कुछ सोमवार मंगलवार तक वेतन मिल जाएगा। इसके लिए कोषालय में लगातार काम जारी है। वित्तीय वर्ष का अंतिम समय एवं अनिवार्य सेवा होने के कारण लॉकडाउन के दौरान भी विभाग में अधिकारी कर्मचारी यहां काम कर रहे हैं।

लॉकडाउन के बाद संक्रमण की आशंका से पीएम लॉकडाउन के दौरान जिले के 2३ हजार से अधिक शासकीय सेवकों को मार्च की सैलरी समय पर मिल सके, इसके लिए कोषालय में लगातार काम जारी है। वित्तीय वर्ष का अंतिम समय एवं अनिवार्य सेवा होने के कारण लॉकडाउन के दौरान भी विभाग में अधिकारी कर्मचारी यहां काम कर रहे हैं। सभी सरकारी दफ्तर कोरोना के प्रभाव से करीब एक हफ्ते से बंद है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कोषालय विभाग में सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक काम चल रहा है।

जिला कोषालय के मुख्यालय समेत चारों उप कोषालयों में भी शुक्रवार को नियमित रूप से काम जारी रहा। वित्तीय वर्ष के आखिर में विभाग का काम बढ़ जाता है और मार्च महीने का वेतन देयक तैयार कर जारी करने की भी अहम जिम्मेदारी रहती है। जिले में लॉकडाउन के कारण वित्त विभाग ने सभी डीडीओ को ई वेतन देयक बनाने एवं ई पे रोल साफ्टवेयर में काम करने की छूट दे दी है। इससे कोषालय का काम भी थोड़ा बढ़ गया है लेकिन इसके बावजूद यहां पर अफसर व कर्मचारी डटे हुए हैं। कलेक्टोरेट कर्मचारी और अधिकारियों ने अपने एक दिन के वतेन से 1 लाख 32 हजार 931 रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में भी दिए हैं। जिसमें कलेक्टर से लेकर चपरासी तक शामिल हैं।

फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ काम

काम के दौरान कार्यालय में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है। कार्यालय में कर्मचारियों की बैठक व्यवस्था में भी अब दूरी का ध्यान रखा जा रहा है। जिला कोषालय अधिकारी ने बताया कि कोरोनाबंदी के कारण कार्यालय में हरसंभव सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।

उद्योगों के ठेकाकर्मी की बढ़ी चिंता

लॉकडाउन के कारण उद्योगों में कामकाज बंद है। इसमें कार्यरत जो ठेका कंपनियां एवं एजेंसियां हैं। उनमें संबंधित स्टाफ को वेतन नहीं मिल पाएगा। जिले में हजारों की संख्या में ऐसे कामगार भी लॉकडाउन के दौरान मध्यप्रदेश, बिहार,झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा स्थित अपने घर चले गए हैं

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