मुख्यमंत्री बजट को लेकर कहा, हमारा नया बजट, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला है। प्रदेश की खुशहाली में जनभागीदारी की सर्वाधिक भूमिका रहे, प्रदेश की समृद्धि में प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी की भागीदारी रहे, यह हम तय करेंगे। कोरोना संकट, जीएसटी और केन्द्रीय करों के हिस्से में कमी के बावजूद लाभ का बजट प्रस्तुत किया गया है। राज्य का ऋण भार व वित्तीय घाटा लगातार कम हो रहा है और पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में श्रोताओं की जिज्ञासाओं का सिलसिलेवार जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ की मजबूत आर्थिक स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ का बजट 1 लाख करोड़ के ऊपर पहुंचना, प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी के लिए गौरव का विषय है। हम अपने संसाधनों के सम्मान, वेल्यू-एडीशन, अपनी मेहनतकश जनता की लगन और मेहनत को सही मान और राज्य के उत्पादन को सही दाम दिलाते हुए आगे बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत का प्रावधान रखा गया है।
विरासत में मिला कर्ज
मुख्यमंत्री ने बताया, 17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में हमें 41 हजार 695 करोड़ का ऋण भार विरासत में मिला था। हमारी सरकार बनने के बाद शुद्ध ऋण में वृद्धि 42 हजार 528 करोड़ है। भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिलना ऋण लेने का बड़ा कारण। वहीं विगत 3 वर्षों में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में 13 हजार 89 करोड़ की कमी की है। कोरोना की वजह से भी राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा, आप विश्वास रखिए कि हम किसी भी हालत में अपने वायदे से पीछे हटने वाले नहीं हैं और जो काम शुरू किए हैं, उन्हें आगे भी जारी रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में श्रोताओं की जिज्ञासाओं का सिलसिलेवार जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ की मजबूत आर्थिक स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ का बजट 1 लाख करोड़ के ऊपर पहुंचना, प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी के लिए गौरव का विषय है। हम अपने संसाधनों के सम्मान, वेल्यू-एडीशन, अपनी मेहनतकश जनता की लगन और मेहनत को सही मान और राज्य के उत्पादन को सही दाम दिलाते हुए आगे बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत का प्रावधान रखा गया है।
विरासत में मिला कर्ज
मुख्यमंत्री ने बताया, 17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में हमें 41 हजार 695 करोड़ का ऋण भार विरासत में मिला था। हमारी सरकार बनने के बाद शुद्ध ऋण में वृद्धि 42 हजार 528 करोड़ है। भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिलना ऋण लेने का बड़ा कारण। वहीं विगत 3 वर्षों में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में 13 हजार 89 करोड़ की कमी की है। कोरोना की वजह से भी राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा, आप विश्वास रखिए कि हम किसी भी हालत में अपने वायदे से पीछे हटने वाले नहीं हैं और जो काम शुरू किए हैं, उन्हें आगे भी जारी रखेंगे।