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रायपुर के यूथ में ओपन माइक का बढ़ा ट्रेंड

locationरायपुरPublished: Jun 28, 2018 02:05:42 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

प्रतिभाओं को मिल रहा मंच, निखार रहे क्रिएटिविटी

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रायपुर के यूथ में ओपन माइक का बढ़ा ट्रेंड

ताबीर हुसैन@रायपुर. युवाओं की कलात्मक अभिव्यक्ति को प्लेटफॉर्म मुहैया करा रहा है ओपन माइक। भागदौड़ भरी जिंदगी और कॅरियर के दबाव के कारण युवाओं को अपनी हॉबी या सृजनात्मक क्षमता को निखारने का वक्त ही नहीं मिल पाता। इस व्यस्त दिनचर्या के बावजूद यदि कभी मन हुआ तो नोटबुक या डायरी में अपनी कला को अभिव्यक्ति देते हैं। हाल में ‘ओपन माइक’ के आयोजन ऐसे युवाओं की प्रतिभा को पंख दे रहे हैं। यह कारगार साबित हो रहा है।

कैसे करें भागीदारी
ओपन माइक में भाग लेना बहुत आसान है। इसके लिए अपना नाम अॅानलाइन लिंक के साथ पंजीकृत कराया जाता है। यह लिंक आमतौर पर आयोजकों द्वारा उनके सोशल मीडिया पेज पर दिया जाता है। भागीदारी के लिए कोई शुल्क नहीं लगता। कभी-कभी मामूली शुल्क लिया जा सकता है।

कारीगरी दे रहा प्लेटफार्म
कारीगरी के माध्यम से यूथ को प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके फाउंडर अक्षत लाखे कहते हैं हमने अपने स्तर में एक सर्वे किया था जिसमें पता चला कि शहर में क्वालिटी की कमी नहीं है, बस उन्हें मौका मिलना चाहिए। इसलिए हमने कारीगरी से उन्हें प्लेटफार्म देना शुरू किया। हमारा पहला इवेंट इसी साल मेग्नेटो में 15 अप्रैल को हुआ था। बढि़या रिस्पांस मिला।

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नोजोटो में निखरती है प्रतिभा
नोजोटो की आस्था वर्मा कहती हैं कि हर यूथ में कुछ खास क्वालिटी होती है। क्रिएटिविटी होती है। अगर उन्हें एक एेसा प्लेटफार्म उपलब्ध हो जहां उसकी कला को कद्रदान मिले तो वह काफी ग्रो कर सकता है। यही हमारा मकसद है। हमने सिटी में अभी तक दो इवेंट कराए हैं। 24 फरवरी और 28 अप्रैल को। जल्द ही राज्य के दूसरे शहरों में भी इवेंट कराएंगे।

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प्रतिभा को मंच देना है मकसद
कारवां और कथाकार की फाउंडर सृष्टि द्विवेदी कहती हैं कि दोनों का मकसद एक ही है प्रतिभा को मंच देना। आज के टाइम पर जरूरी भी है। हर कोई मोबाइल और लैपटॉप में डूबे रहते हैं, इससे आगे भी दुनिया है। बस उस दुनिया को जोडऩे की एक कोशिश है कारवां और कथाकार। कारवां पिछले साल मार्च में शुरू हुआ जबकि कथाकार इसी साल फरवरी में।

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योरक्योट से मिल रही पहचान
योरक्योट की शुरुआत देल्ही के दो आइआइटियन ने की है। रायपुर में इसे अभिनव सतपथी देख रहे हैं। वे कहते हैं कि योरक्योट के जरिए उन लोगों को मौका दिया जाता है जो कुछ खास करना चाहते हैं लेकिन किसी वजह से कर नहींं पा रहे। 15 अप्रैल 2017 से यहां शुरुआत की और अब तक राजधानी में 6, भिलाई और बिलासपुर में एक-एक इवेंट करवाया है।
इनकी कम्युनिटी में अलग-अलग विधा के 150 युवा जुड़े हैं।

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