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कोरोना काल में स्कूल खुलने के विचार ने पालको की बढ़ाई चिंता, स्पष्ट निर्देश नहीं होने से पालक परेशान

locationरायपुरPublished: Jun 04, 2020 07:12:59 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

अभिभावक व शिक्षक अभी से परेशान है। उनका कहना है,कि जिला प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभी तक कोई प्लानिंग सार्वजनिक नहीं की है।

कोरोना काल में स्कूल खुलने के विचार ने पालको की बढ़ाई चिंता, स्पष्ट निर्देश नहीं होने से पालक परेशान

कोरोना काल में स्कूल खुलने के विचार ने पालको की बढ़ाई चिंता, स्पष्ट निर्देश नहीं होने से पालक परेशान

रायपुर. जिले के सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी स्कूल खुलने से पहले कोरोना संक्रमण की घंटी बज गई है। कैंपस में बच्चों के पीने का पानी, कैंटीन और प्रार्थना पर खतरा मंडराने लगा है। अभिभावक व शिक्षक अभी से परेशान है। उनका कहना है,कि जिला प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभी तक कोई प्लानिंग सार्वजनिक नहीं की है। पालको का कहना है, कि शिक्षा विभाग और कलेक्टर स्कूल खोलने के संबंध में स्पष्ट गाइड लाइन जारी करें, ताकि उनकी परेशानियां दूर हो।

जिले में 3 हजार 100 स्कूल

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जिले में लगभग 3 हजार 100 स्कूल है। इन स्कूलों में 3 लाख 50 हजार से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। सत्र 2020-21 में प्रवेश जून माह के आखिरी से शुरु होने का संकेत स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दिया है। लॉकडाउन के कारण सरकार ने अभी तक स्कूल खोलने अनुमति प्रदान नहीं की है। अभिभावक अभी से बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं।

प्री-नर्सरी से लेकर पांचवी तक के लिए गाइड लाइन नहीं

पालकों की मानें तो प्री नर्सरी से ५वीं तक के स्कूलों के लिए कोई सख्त गाइड लाइन है। मनमुताबिक स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूलों का संचालन किया जाता है, और शिक्षा विभाग के अधिकारी आंख मूंदे बैठे रहते है। कोरोना काल में इन स्कूलों का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इन स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा पालको को भुगतना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार इनका पालन जरूरी

० क्लास में बच्चों की उपस्थिती व सुरक्षा।

० मास्क व फिजिकल डिस्टेंस के लिए नियम।
० स्कूल में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग।

० प्रतिदिन बैग को सेनीटाइजड किया जाए।
० छोटे बच्चों की क्लास घर से शुरु होना चाहिए।

० प्रतिदिन क्लासों को सेनीटाइज करना चाहिए।
इनका है कहना

स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभी तक सरकार निर्णय नहीं कर पाई है। शराब, बाजार पर ही पूरा ध्यान है। शिक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है।
खिलेश्वर रक्सेल, अभिवावक

रजबंधा मैदान

प्री नर्सरी से लेकर कक्षा पांचवी तक के बच्चों की पढ़ाई पर गाइडलाइन नहीं है। स्कूल खुलेंगे तो बच्चे फिजिकल डिस्टेंकस का पालन नहीं करेंगे। प्रशासन को इन पर निर्णय लेना चाहिए।
आदर्श साहू, अभिवावक

शंकर नगर

सरकार पांचवी कक्षा तक कही पढ़ाई को स्कूल में बंद कर घर से प्रारंभ करें। कक्षा छठवीं से 12वीं तक के बच्चों की 25 फीसदी ऑनलाइन पढ़ाई के साथ फीस पर भी रोक लगाई जाए।
भरत सिंह, अभिवावक

न्यू राजेंद्र नगर

शिक्षा विभाग को बच्चों की कोई फिक्र नहीं है। अभिभावक चिंता में है। फीस से लेकर पढ़ाई का पैमाना तक क्लियर नहीं है। बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। तत्काल सुध लेना चाहिए।
विपिन कुमार, अभिवावक

पुरानी बस्ती

8 जून को बैठक है। बैठक के बाद स्कूल खोलने के संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी होंगे। स्कूलों का संचालन करने में भारत सरकार की गाइड लाइन का पालन किया जाएगा।

-आलोक शुक्ला, सचिव
स्कूल शिक्षा विभाग

 

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