बताया जाता है कि शाम को छोटी बस मालिकों की बैठक हुई, जिसमें सप्ताह भर तक हालात देखने के लिए बसों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। उनका कहना है कि यात्रियों के नहीं मिलने से वे नुकसान में कितने दिन इसका संचालन करेंगे। दिनभर में 2000 का डीजल फूंकने के बाद मात्र 500 रुपए की आवक हुई है। राज्य का सबसे व्यस्त और सर्वाधिक यात्रियों वाला रायपुर-दुर्ग मार्ग पर सुबह 30 यात्री बसों से शुरुआत की गई थी। लेकिन किसी भी बस में 10 से ज्यादा यात्री नहीं थे। बताया जाता है कि यात्रियों के इंतजार में विलंब से बसों को रवाना किया गया।
कार ट्रेवल्स के संचालन सोनू कसार ने बताया कि रायपुर से खरोरा-आरंग के बीच दो बसों का संचालन निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए शुरू की गई थी। दिनभर में 3000 का डीजल जलाने के बाद पहली बस में 1350 रुपए और दूसरी बस में 1100 रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश देशलहरा ने बताया कि यात्रियों की संख्या को देखते हुए यूनियन स्तर पर बातचीत हुई है। एक सप्ताह के भीतर यात्रियों की संख्या में इजाफा नहीं होने की स्थिति में संचालन को लेकर नए सिरे से विचार किया जाएगा।