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शराब दुकान खुलने का विरोध, रमन ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी, बृजमोहन बोले- सरकार की बेचैनी बढ़ गई है

locationरायपुरPublished: Apr 04, 2020 06:31:40 pm

कोरोना से जंग के बीच शराब को लेकर भड़की सियासत, विपक्ष ने याद दिलाया सरकार का वादा, लॉकडाउन के दौरान शराब दुकान खोलने के लिए समिति का गठन करने का चौतरफ विरोध

शराब दुकान खुलने का विरोध, रमन ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी, बृजमोहन बोले- सरकार की बेचैनी बढ़ गई है

शराब दुकान खुलने का विरोध, रमन ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी, बृजमोहन बोले- सरकार की बेचैनी बढ़ गई है

रायपुर. कोरोना वायरस के बचने के लिए देश भर में चल रही जंग के बीच छत्तीसगढ़ में शराब को लेकर सियासत भड़क गई है। लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में शराब दुकान खोलने के लिए समिति का गठन करने का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है।
इस विरोध की सबसे बड़ी वजह है कि सरकार ने अपने जनघोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था। अब जब कोरोना के बीच शराब दुकानें बंद है, तो सरकार तीन-चार मौतों का हवाला देकर शराब दुकान खोलने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शराब दुकान खुलने का हर स्तर पर विरोध करने के साथ-साथ कोर्ट जाने की चेतावनी दे दी है। वहीं पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने तंज कसते हुए कहा शराब दुकान बंद होने से सरकार की बेचैनी बढ़ गई है।
जीवनरक्षक है, तो घर जाकर दें
शासन के फैसले के खिलाफ पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक अग्रवाल ने दो ट्वीट किया है। इसमें से एक ट्वीट में अग्रवाल ने लिखा है, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का तर्क है कि शराब कुछ लोगों के लिए जीवनरक्षक है, तो फिर एेसे में उन्हें चाहिए कि डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन स्लिप के आधार पर उन जरूरतमंदों को शराब की घर पहुंच सेवा दें। पर दुकान खुलेगी तो कोरोना से बचने के लिए प्रयत्नों का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा। वहीं उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, कोरोना संकट के चलते शराब दुकानें बंद होने से उस सरकार की बैचेनी बढ़ गई है, जिसने जनता से पूर्ण शराबबंदी का वादा कर सत्ता पाई है। शराब को अति आवश्यक वस्तु मानते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शराब दुकानें खोले जाने का निर्णय, जनता के प्रति उनके गैर जिम्मेदराना रवैये को साबित कर रहा है।
बेहद आपत्तिजनक निर्णय : रमन
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने सरकार के फैसले को बेहद आपत्तिजनक बताया है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के मजदूर व गरीब लोग जो पैसे के लिए भटक रहे हैं। लोगों के पास इस वक्त काम नहीं है, लोग अपने घरों में है। ये लोग अब घरों के बर्तने, घर व गहने बेचेंगे। उन्होंने इस बात पर भी आश्चार्य जताया, शराब खोलने के लिए बनी समिति में किसी विशेषज्ञ को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा, छत्तीसगढ़ भी सरकार के इस फैसले का हम हर स्तर पर विरोध करेंगे। यदि प्रतिबंध को हटाया गया तो हम भी कोर्ट जाएंगे।
अभियान पर असर
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने ट्वीट कर कहा है शराब दुकानों को खोलने से लॉकडाउन अभियान पर असर पड़ेगा। सरकार को इस फैसले को वापस लेना चाहिए। इस कदम से कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
लालच के सामने खो दिया मौका : जोगी
पूर्व सीएम अजीत जोगी ने भी इस मामले में ट्वीट कर अपना विरोध दर्ज कराया है। जोगी ने अपने ट्वीट में सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है, लोगों की आदत शराब ना पीने की बन गई थी। शराबबंदी लागू करने का अच्छा मौका लालच के सामने खो दिया। हम इसका विरोध करते हैं। इसके बाद जोगी ने एक और ट्वीट किया है। इसमें लिखा है, अभी मुझे अधिकृत रूप से एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, शराबबंदी का आदेश वापस नहीं लिया गया है। यदि यह सच है, तो मैं अपने ट्वीट वापस लेता हूं।
बहानेबाजी छोड़ घोषणा पत्र का अवलोकन करें: आप
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेण्डी ने भी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री को बहानेबाजी छोड़कर अपने चुनावी घोषणापत्र का अवलोकन करने की नसीहत दी है। वहीं आप के यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष तेजेन्द्र तोड़ेकर ने कहा, इसे लेकर पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
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