मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित युवाओं को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी देने के लिए आदेश जारी हो गया है। छत्तीसगढ़ में निवासरत अबूझमाड़िया, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, कमार, पंडो एवं भुंजिया वर्ग के 9623 युवाओं को इसका लाभ मिलेगा।
शासन को 346 करोड़ का पड़ेगा वित्तीय भार
दरअसल, बगीचा में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान पहाड़ी कोरवा जनजाति की एक शिक्षित युवती संजू पहाड़िया ने सीएम से उन्हें नियमित शासकीय नौकरी दिलाने की मांग की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की थी। इस युवती ने जुलॉजी में एमएससी तथा पीजीडीसीए किया है। सीएम ने संजू से कहा कि उन्हें भी नौकरी मिलेगी। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में सर्वे कराकर विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं की सूची तैयार की गई है। जनजातीय युवाओं को नौकरी देने पर राज्य सरकार को 346 करोड़ 43 लाख का वित्तीय भार पड़ेगा।
ये आदेश सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 27 अगस्त, 2019 में आयोजित छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में निर्णय का हवाला दिया गया है, जिसमें विशेष पिछड़ी जनजाति के सभी शिक्षित पात्र युवाओं का सर्वे कराकर उनकी पात्रतानुसार नियुक्ति की कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था.
इन 17 जिले के कलेक्टर को भर्ती के लिए भेजें गए पत्र
बिलासपुर, मुंगेली, राजनांदगांव, कोरिया, कबीरधाम, कोरबा, सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर, रायगढ़, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, महासमुन्द, नारायणपुर, सूरजपुर और बलौदाबाजार।