रायपुर

अस्पतालों को 31 दिसंबर तक एसटीपी लगाने के आदेश, अब तक सिर्फ एक-दो में ही हुआ शुरू

अस्पतालों से निकलने वाले मल-मूत्र, खून और अन्य केमिकल सीधे खुले सीवरेज में छोड़े जा रहे हैं, जो जल स्रोत दूषित होने के साथ ही बीमारियों की बड़ी वजह बन रहा है।

रायपुरNov 23, 2019 / 12:34 am

abhishek rai

अस्पतालों को 31 दिसंबर तक एसटीपी लगाने के आदेश, अब तक सिर्फ एक-दो में ही हुआ शुरू

रायपुर. स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बावजूद राजधानी के निजी अस्पतालों में एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का काम शुरू नहीं हुआ है। एसटीपी लगाने में कम से १० से १५ दिन लगते हैं। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि कुछ बड़े अस्पतालों ने इसके लिए काम शुरू कर दिया है। अस्पतालों से निकलने वाले मल-मूत्र, खून और अन्य केमिकल सीधे खुले सीवरेज में छोड़े जा रहे हैं, जो जल स्रोत दूषित होने के साथ ही बीमारियों की बड़ी वजह बन रहा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग और पर्यावरण संरक्षण मंडल ने ३१ दिसंबर तक सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को एसटीपी लगवाने का समय दिया है। स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि 10 बिस्तर से कम वाले अस्पतालों को भी आदेश का पालन करना है। राजधानी के पंजीकृत २७१ हॉस्पिटल में से सिर्फ ८-१० ही है, जहां एसटीपी लगा हुआ है। शहर के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में भी अब तक एसटीपी नहीं है। अस्पताल का प्रदूषित पानी सीधे निगम के नालों में छोड़ा जा रहा है।
अस्पतालों से निकलने वाले वेस्ट
अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट मटेरियल जैसे खून, मल-मूत्र और घातक केमिकल्स से भीगे कॉटन-पट्टी, सिरिंज, एक्सपायरी दवाएं निकलती है। कॉटन-पट्टी, सिरिंज, एक्सपायरी दवाओं को बायोमेडिकल वेस्ट ले जाने वाली अनुबंधित कंपनी को दे दिया जाता है लेकिन मल-मूत्र, खून व अन्य केमिकल सीधे नाले में बहा दिए जाते हैं।
३१७ क्लिनिकों ने नहीं किया अनुबंध

स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद भी राजधानी के पंजीकृत ६७३ क्लिनिकों में से ३१७ ने वेस्ट निष्पादन के लिए अनुबंधित एजेंसी से एग्रीमेंट नहीं किया है। हालांकि, सभी २७१ अस्पतालों ने अनुबंध कर लिया है। वहीं, यूनानी, होम्योपैथ और फिजियोथैरेपी के संचालित करीब ४०० केंद्रों में से एक ने भी कंपनी से अनुबंध नहीं किया है।
एसटीपी लगवाने का काम कुछ अस्पतालों ने शुरू कर दिया है। निर्धारित तिथि में ऐसा नहीं करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई कर सील कर दिया जाएगा। मेडिकल वेस्ट के लिए सभी को कंपनी से अनुबंध करना अनिवार्य है।
डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर
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