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दूसरी लहर में दर्जनों संस्थाएं जुटी थीं ऑक्सीजन देने में, इस बार राहत

locationरायपुरPublished: Jan 20, 2022 01:05:27 am

Submitted by:

VIKAS MISHRA

तीसरी लहर में पूरी तरह से पैक रहीं ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीनें, जरूरत ही नहीं पड़ी

दूसरी लहर में दर्जनों संस्थाएं जुटी थीं ऑक्सीजन देने में, इस बार राहत

दूसरी लहर में दर्जनों संस्थाएं जुटी थीं ऑक्सीजन देने में, इस बार राहत

रायपुर. शहर की सामाजिक संस्थाएं और स्वयंसेवी संस्थाएं संकटकाल में सहयोग करने में कभी पीछे नहीं रहीं। सबसे खतरनाक जब दूसरी लहर में हाहाकार मचा था, तब शहर की दो दर्जन से अधिक संस्थाएं कोरोना पीडि़तों को ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीनें उपलब्ध कराने में दिन-रात जुट गई थीं। क्योंकि सबसे अधिक दिक्कतें मरीजों को सांस लेने में हुई थीं। ऐसे वक्त में 300 से अधिक ऑक्सीजन मशीनों की सेवाएं दी थी। लेकिन तीसरी लहर में भगवान का शुक्र कि ऐसी नौबत नहीं आई। इसलिए ऑक्सीजन मशीनें जहां कि तहां पैक ही रहीं। संस्थाओं के सेवाभावियों ने भी राहत की सांसें ली।
ऑक्सीजन कंसल्ट्रेटर मशीनों की सेवाएं देने वाली संस्थाओं से जुड़े लोग उन दिनों की याद करके सिहर उठते हैं। उनका कहना है कि भगवान न करे कि वैसा दिन अब कभी देखना पड़े। वह ऐसा भयावह दौर कभी न आए। उस दौरान रात-रातभर जागते थे कि कब, किसका फोन आ जाए कि कंसंल्ट्रेटर मशीन चाहिए।
परंतु इस बार जब दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में कोरोना की तीसरी लहर आई तो अलर्ट हो गए थे। तीसरी लहर का संक्रमण तेजी से जरूर फैला, लेकिन ऑक्सीजन मशीनों की जरूरत किसी को नहीं पड़ी। इससे उन लोगों को भी काफी राहत मिली है, जो ऑक्सीजन मशीनों की सेवाएं देने का काम किया था।
कोरोना नियमों का पालन जरूरी
प्रांतीय अग्रवाल सम्मेलन के चेयरमैन अशोक अग्रवाल एवं दादाबाड़ी सेवा समिति के महेंद्र कोचर ने बताया कि इस बार किसी ने भी ऑक्सीजन कंसल्ट्रेटर मशीन के लिए संपर्क नहीं किया। यह सुकून देता वाला है। तीसरी लहर आई तो सभी चर्चा कर अलर्ट रहने के लिए गया था। अच्छी बात यह रही कि कोरोना संक्रमित इस बार अधिक से अधिक घरों में ही ठीक हुए। परंतु सबसे अधिक जरूरी है कि हमेशा कोरोना नियमों का पालन करते हुए ही बचाव का अच्छा तरीका है। कोरोना के मामले में लापरवाही बिल्कुल ठीक नहीं है।

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