चुनाव से पहले तैयार होगा डाटाबेस
चौथी पारी में आदिवासी समाज सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। एेसे कई मौके आए है, जब सरकार के प्रति समाज की नाराजगी खुलकर सामने आई है। भू-राजस्व संहिता संशोधन के मामले में तो सरकार को अपना फैसला भी बदलना पड़ा। भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सामने आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मदद की मांग भी कर चुके हैं। आदिवासी समाज के नेताओं का कहना है कि सरकार सम्मेलन के बहाने प्रदेश में कार्यरत समाज के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों का पूरा डाटाबेस तैयार करवा लेगी। यह जानकारी आगामी विधानसभा चुनाव में काफी अहम भूमिका निभा सकती है।सोहन पोटाई, पूर्व सांसद
जीएस राना, अध्यक्ष, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग