बैठक में धान खरीदी के मंत्रिमंडलीय उपसमिति के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसके बाद कैबिनेट ने धान खरीदी की तारीख आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। भूपेश कैबिनेट ने प्रदेश में किसी भी स्थिति में 2500 रुपया प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदे जाने का फैसला लिया। कैबिनेट की बैठक में धान खरीदी के अलावा कई अहम मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
बतादें कि धान की खरीदी पर गुरुवार को ही मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में धान की खरीदी को 15 दिन टालने की व्यवस्था पर चर्चा हुई। प्रस्ताव है कि इस वर्ष धान की खरीदी एक दिसंबर से शुरू कर 31 जनवरी को खत्म की जाए।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि ऐसी जानकारी आ रही थी कि प्रदेश में कई जगह अभी भी बरसात हो रही है। खेत और संग्रहण केंद्र दोनों में नमी है।
इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र लिख कम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा है। मुख्यमंत्री ने पांच जुलाई और 25 अक्टूबर को लिखे पत्रों का हवाला दिया है। लिखा है कि उन पत्रों में उन्होंने खरीफ वर्ष 2019-20 के लिए धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल करने का आग्रह किया था। यदि किसी वजह से केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर पाए तो विकेंद्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना के तहत राज्य सरकार को इस मूल्य पर धान उपार्जित करने की सहमति दें।
मुख्यमंत्री ने पहले भी एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से 23-24 अक्टूबर को मुलाकात के लिए समय मांगा था। प्रधानमंत्री की अन्यत्र व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिला था। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री की मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया था।