शासकीय जमीन के बंदरबाट की लालच में टीला सरपंच ने कटवा डाले हरे-भरे सैकड़ों पेड़
समीपस्थ ग्राम पंचायत टीला में सरपंच और सचिव की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का नया खेल खेला जा रहा है। सरपंच-सचिव ने मिलीभगत कर पंचायत की बैठक में शासकीय भूमि के खसरा नं. 1283 रकबा 12.53 हे. में लगे हरे-भरे इमारती पेड़ों को सूखा पेड़ दर्शाकर कटवाने का प्रस्ताव पास करवा लिया। काटे गए पेड़ों में नीलगिरी व अन्य इमारती पेड़ों के अलावा शीशम के पेड़ भी मौजूद थे। जिसका बाजार भाव आज लगभग 5 हजार रुपए प्रति वर्गफुट है।
रायपुर
Published: April 01, 2022 04:47:23 pm
नवापारा राजिम। समीपस्थ ग्राम पंचायत टीला में सरपंच और सचिव की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का नया खेल खेला जा रहा है। सरपंच-सचिव ने मिलीभगत कर पंचायत की बैठक में शासकीय भूमि के खसरा नं. 1283 रकबा 12.53 हे. में लगे हरे-भरे इमारती पेड़ों को सूखा पेड़ दर्शाकर कटवाने का प्रस्ताव पास करवा लिया। काटे गए पेड़ों में नीलगिरी व अन्य इमारती पेड़ों के अलावा शीशम के पेड़ भी मौजूद थे। जिसका बाजार भाव आज लगभग 5 हजार रुपए प्रति वर्गफुट है।
मिली जानकारी के अनुसार पंचायत में पेड़ काटने की स्वीकृति में सरपंच सहित उपसरपंच संतोष देवंागन, पंच रामप्रसाद निषाद, भूपेश पटेल, रोशन सेन, लोकेश पटेल, रामकृष्ण यादव, घनश्याम देवंागन, विमला साहू, डेरहीन देवंागन, इन्द्राणी, कौशिल्या पटेल, नूतन पटेल, मंजू बंजारे, हेमा बंजारे, कृष्णा देवंागन, दुलारी साहू के नाम हैं। मगर बैठक की कार्यवाही नकल में जिसका प्रस्ताव क्रमांक 5 तीन मार्च की बैठक में नामंाकित पंचों के हस्ताक्षर नहीं हैं। उसमें सिर्फ सरपंच व सचिव के हस्ताक्षर देखे गए हैं। अधिकांश पंचों को इस बैठक की जानकारी तक नहीं है।
विदित हो कि किसी भी पंचायत में पेड़ काटने के पूर्व पंचायत में प्रस्ताव पास कराकर ग्राम सभा में स्वीकृति लेकर तहसीलदार से अनुमति लेनी पड़ती है। मगर, इन्होंने औपचारिक प्रस्ताव पास कर व कोटवार से मुनादी करवाकर इतिश्री समझ ली। यह भी जानकारी मिली है कि सरपंच ने पेड़ काटने और बेचने की कोटवार व्दारा मुनादी करवाई थी। कितना पेड़ कटा, कितना बिका ,पंचायत में कितनी की रसीद काटी गई? इसकी जानकारी सरपंच व सचिव दोनों को नहीं है। जबकि जिन ग्रामवासियों ने लकड़ी खरीदी है उनका कहना है कि पैसा उन्होंने सरपंच को दिया है। यह भी जानकारी मिली है कि सरपंच और सचिव 12.58 हे. जमीन में लगे पेड़ों को कटवाकर उसे रफा-दफा कर भूमि को प्लेन कर उसका बंदरबाट करने वाले थे। मगर जागरूक ग्रामवासियों की वजह से ये वैसा करने से वंचित हो गए। ग्रामवासियों ने इसकी लिखित जानकारी 28 मार्च को अनुविभागीय अधिकारी अभनपुर, सक्षम अधिकारी वन विभाग और थाना प्रभारी गोबरा नवापारा को दी। मगर अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।

शासकीय जमीन के बंदरबाट की लालच में टीला सरपंच ने कटवा डाले हरे-भरे सैकड़ों पेड़
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पटवारी जांच के लिए गए थे। प्रतिवेदन अभी आया नहीं है। प्रतिवेदन आने के बाद ही कुछ बता पाऊंगी।
- रीमा ठाकुर, तहसीलदार
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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