सिर्फ इस जिले में कोरोना संक्रमण की दर एक फीसदी से ज्यादा
हाल में जारी श्रम बल सर्वेक्षण के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में 15 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं की श्रम बल में भागीदारी दर (एलएफपीआर) 5.5 फीसदी बढ़कर 24.5 फीसदी से 30 फीसदी तक पहुंच गई। इस दौरान श्रम बल में पुरुषों की भागीदारी केवल 1.3 फीसदी बढ़ी यानी यह 75.5 फीसदी से 76.8 फीसदी हो गई। वित्त वर्ष 2019-20 में वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले महिला श्रमिकों की संख्या 29 फीसदी बढ़ी।
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महिला श्रमिकों की संख्या में यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब देश में बेरोजगारी दर चरम पर थी और तेजी से बढ़ रही थी। वहीं देश की अर्थव्यवस्था भी कोरोना वायरस महामारी की चपेट में थी और ग्रोथ रेट में लगातार गिरावट आ रही थी। बता दें कि श्रम बल में 30.70 करोड़ पुरुष और 11.98 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी बढऩे का यह मतलब नहीं है कि उन्हें अधिक रोजगार या नौकरी मिली है, बल्कि इस सर्वेक्षण में कामकाजी महिलाओं के डेटा की रिकॉर्डिंग अच्छी तरह हुई है।
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