रेलवे का धोका 16 एक्सप्रेस ट्रेनों के रिजर्वेशन टिकट कैंसिल की आ गई नौबत रेल अफसर ये तो मानते हैं कि यही पीक सीजन है, जब रोजाना रायपुर स्टेशन से 40 से 50 यात्री सफर करते रहे हैं। परंतु इस बार भीषण गर्मी में अधिकांश यात्रियों को संकट भरा सफर करना सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने रेलवे पर भरोसा किया। परंतु रेलवे ने ऐसा धोखा दिया कि हजारों यात्रियों को ऐसी 16 एक्सप्रेस ट्रेनों के रिजर्वेशन टिकट कैंसिल कराने की नौबत आ गई। ये सभी ट्रेनें अनेक शहरों के बीच रायपुर स्टेशन से होकर चलती हैं। जिन्हें अब 24 जून तक कई तारीखों में रद्दB कर दिया गया है। रेलवे के ऐन वक्त पर लिए गए इस निर्णय के रवैए को हजारों यात्री कोस रहे हैं। उन्हें भीषण गर्मी में पसीना बहाना पड़ रहा है।
रोज चलने वाली 6 एक्सप्रेस और महीनेभर रद्द देश के अनेक राज्यों में ऐसा कोयला संकट गहराया हुआ है कि हर दिन चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनें पटरी पर नहीं पा रही हैं। 23 अप्रैल से जो रद्द हुई बिलासपुर-भोपाल, भोपाल-बिलासपुर, बिलासपुर-रीवा, रीवा-बिलासपुर, जबलपुर-अम्बिकापुर और अम्बिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस के पहिए जाम हो चुके हैं। पहले इन दैनिक एक्सप्रेस ट्रेनों को रेलवे लगातार महीनेभर तक 24 मई तक ही रद्दB किया था, परंतु अब लगातार 24 जून तक नहीं चलाने का आदेश जारी किया है। जबकि इन ट्रेनों को पकड़ने के लिए रायपुर तरफ के हजारों यात्रियों बिलासपुर से सफर करते रहे हैं। जबकि रायपुर से होकर चलने वाली 16 एक्सप्रेस ट्रेनें भी रेलवे के कैंसिलेशन से काफी प्रभावित हैं।
शादी-विवाह जैसे सीजन में विकराल िस्थति रेलवे के रवैए के कारण ट्रेनों में सफर करने की विकराल िस्थति निर्मित हो गई है। क्योंकि यदि रेलवे प्रशासन 10 से 15 दिन ये ऐलान कर देता कि 23 अप्रैल से कैंसिल ट्रेनें 24 जून तक रद्द रहेंगी तो कोई यात्री रिजर्वेशन ही नहीं करता, परंतु रेलवे प्रशासन ने ऐसा नहीं किया। बल्कि रिजर्वेशन को 24 मई से ओपन कर दिया था, इसलिए पूरी ट्रेनें पैक हो गई है, अब यात्रियों को टिकट कैंसिल कराने के अलावा दूसरे साधनों से सफर के लिए विकल्प खोजने के लिए हालाकान होना पड़ रहा है। ये भी ऐसे समय में जब हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति के घर, परिवार और रिश्तेदारों के यहां शादी-विवाह की लग्न हैं। लोकल ट्रेनों के यात्री त्राहि-त्राहि कर रहे हैं रायपुर और बिलासपुर स्टेशन से चलने वाली 12 लोकल ट्रेनों के हजारों यात्रियों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। ये ट्रेनें 23 अप्रैल से लगातार अब 24 जून तक कैंसिल करके रेलवे कहर ढा दिया है। जिन ट्रेनों में बैठने की बात तो दूर, पैर रखने तक की जगह नहीं रहती थी। यानी पूरी तरह से ठसाठसा। वो सभी 12 लोकल ट्रेनें इस भीषण गर्मी में बेपटरी हो चुकी हैं। इसके बावजूद रेल अफसर यात्रियों को सुविधा मुहैया कराना सर्वोपरि है, जैसी बातें करने में संकोच नहीं कर रहे।