‘पत्रिकाÓ पड़ताल में सामने आया कि शुरुआत में कोरोना शहरी क्षेत्रों तक सीमित था, मगर फिर वह ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचा। उसके बाद तो रायपुर से लेकर बस्तर या यूं कहें कि पूरा राज्य ही कोरोना की गिरफ्त में आ चुका है। यही वजह है कि अब दोबारा से लॉकडाउन की मांग उठनी शुरू हो चुकी है। आम जनता से लेकर अधिकारी भी इसकी आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। मगर, यह निर्णय शासन स्तर पर होना है। फिलहाल इसे लेकर अभी कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही। मगर, विशेषज्ञों का मानना है कि आज नहीं तो कल सरकार को इस पर गहनता और गंभीरता से विचार करना होगा।
लॉकडाउन-2 में लिए गए निर्णय एंटीजन किट से सभी जिलों में जांच, सामुदायिक स्तर पर स्क्रीनिंग, घर-घर सर्वे, हाट-बाजार, फल-सब्जी विक्रेताओं की रेंडम सैंपलिंग, ऑटो चालकों की सैंपलिंग, पुलिस जवानों की जांच, नाई, फेरी वाले, सफाईकर्मियों की स्क्रीनिंग-टेस्टिंग और क्वारंटाइन होटल के स्टाफ की जांच की जा रही है। ताकि मरीजों को ढूंढकर उनका इलाज किया जा सके।
राजधानी रायपुर में कोरोना ने ऐसे पसारे पांव तारीख पॉजिटिव एक्टिव मौत
24 मार्च 01 01 01
11 जून 104 91 01
21 जून 219 104 01
30 जून 324 127 01
09 जुलाई 567 296 02 तीन निजी समेत दो सरकारी लैब में शुरू हुई कोरोना जांच
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स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अगर टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए, तो और अधिक मरीज मिलने शुरू हो जाएंगे। क्योंकि ए-सैम्पेटैमेटिक मरीजों को पता ही नहीं है कि वह संक्रमित है या नहीं। हालांकि शुक्रवार से प्रदेश के 12 लैंब में कोरोना जांच शुरू कर दी गई है। इनमें एम्स रायपुर, मेडिकल कॉलेज रायपुर, जगदलपुर, रायगढ़, लालपुर स्थिति सरकारी लैब के अतिरिक्त एसआरएल में पहले से जांच की जा रही थी। अब अंबिकापुर, बिलासपुर मेडिकल कॉलेज के साथ ही बालको रायपुर, कोर डायग्नोस्टिक रायपुर और डॉ. लालपैथ लैब ने भी जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि निजी लैब में जांच का शुल्क घटाकर 2400 रुपए कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि सामुदायिक स्तर पर शिविर लगाकर जांच के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों में एंटीजन किट भी मुहैया करवा दी गई है। ट्रूनेट मशीन भी लगाई जा रही हैं, ताकि जिलों के सैंपल जिले में ही जांचे जा सकें।