Q राज्य प्रभारी होने के नाते आप इस चुनाव को कैसे देखते हैं ? अपनी जीत के प्रति आप कितने आश्वस्त हैं ? प्रभारी होने के नाते मैंने पहले दिन से संपूर्ण चुनाव को अलग-अलग राजनीतिक, सांगठनिक व तकनीकी चरणों में बांटा था और समय के साथ हमने प्रदेश इकाई के साथ मिलकर चुनाव संबंधी सभी कार्य पूरे किए हैं। अब चुनाव सामने हैं तथा हमारे उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। जनता के आशीर्वाद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोक कल्याणकारी योजनाओं के दम पर और प्रदेश की महाभ्रष्ट सरकार की नाकामी को चलते हम पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं।
Q आप कह रहे हैं कि पूरी पार्टी राज्य में सत्ता परिवर्तन को लेकर आश्वस्त है। लेकिन विभिन्न ओपिनियन पोल में तो आपकी पार्टी पिछड़ती नजर आ रही है? देखिए ओपिनियन पोल का अपना एक अलग तरीका होता है। पिछले कई वर्षों में बहुत से पोल गलत साबित हुए हैं। 5 महीने पहले के पोल हमको 20 सीटें दे रहे थे, अब चुनाव से एक महीने पहले 41 दे रहे हैं तथा चुनाव आते- आते ये संख्या 60 पहुंच जाएगी। आप देखते जाइए जनता के पोल में हम निश्चित ही बहुमत पाएंगे।
Q पिछले कई महीनों से ईडी – इनकम टैक्स विभाग जैसी जांच एजेंसियां लगातार छापेमारी कर रही हैं, जिसे लेकर भाजपा पर बदले की भावना से काम करने के आरोप लग रहे हैं। आप इसे कैसे देखते है?
ये सभी देश की जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं जो अपना-अपना काम करती हैं। मैं संगठन का प्रभारी हूं तो संगठन की बात बता सकता हूं। जहां तक डरने की बात है तो इन एजेंसियों से डर वे लोग रहे हैं, जो गलत हैं। अगर वे सही हैं, तो उन्हें डर किस बात का है।
Q पार्टी ने पुराने चेहरों पर फिर दांव लगाया है। चर्चाएं हैं कि कर्नाटक में हार से सबक लेते हुए पार्टी टिकट वितरण में गुजरात मॉडल से बचती हुई दिखी। ये गुजरात मॉडल पत्रकारों का दिया गया एक कल्पित मुहावरा है। असल में हर प्रदेश की भौगोलिक, जातिगत व राजनीतिक स्थिति अलग – अलग होती हैं। हर मॉडल, हर राज्य में लागू नहीं होता। जिस राज्य में जो जीतने वाला है, उसे टिकट दिया है।
Q पांचों राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर आपका समग्र आकलन क्या है? मेरे पास छत्तीसगढ़ का दायित्व है तथा मैं कह सकता हूँ छत्तीसगढ़ में अगली सरकार निश्चित ही हमारी होगी। राजस्थान में मैंने पांच दशक तक विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया है। इस आधार पर मैं कह सकता हूं कि वहां भी हम बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं।
Q भाजपा को लोकसभा चुनाव में घेरने के लिए तमाम विपक्षी दलों ने इंडिया नाम से गठबंधन बनाया है। आप इसे कैसे देखते हैं? आप स्वयं देख रहे है, ये जो गठबंधन में शामिल जो चेहरे हैं, वे सभी डरे हुए, थके हुए, नकारे हुए तथा पिटे हुए हैं। आगे भी देखना इनका यही हाल रहने वाला है। ये डरे, पिटे और जनता से नकारे हुए वे मोहरे हैं, जो एक डिब्बे में बैठने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव तक ये सब इस गठबंधन को छोड़कर अपनी-अपनी अलग राह पकड़ चुके होंगे।