पत्रिका मास्टर की: अपनी क्षमताओं को जानें और फोकस्ड होकर पढ़ें
हर किसी की अपनी क्षमता होती है। कोई लगातार 6 घंटे पढ़ सकता है तो कोई 2 से 3 घंटे। ऐसे में बात सिर्फ टाइमिंग तक नहीं बल्कि उस ड्यूरेशन में आप कितने फोकस्ड होते हैं यह मायने रखता है।

रायपुर. हर किसी की अपनी क्षमता होती है। कोई लगातार 6 घंटे पढ़ सकता है तो कोई 2 से 3 घंटे। ऐसे में बात सिर्फ टाइमिंग तक नहीं बल्कि उस ड्यूरेशन में आप कितने फोकस्ड होते हैं यह मायने रखता है। हो सकता है कि कोई 10 घंटे पढ़कर वह चीज माइंड में बिठा नहीं पाया जो आप एक घंटे में पढ़कर कर सकते हैं। ट्रेजरी, डॉयरेक्टर, ज्वाइंट सेक्रेटरी माइनिंग, महादेव कावरे ने बोर्ड एग्जाम दे रहे स्टूडेंट्स को यह सलाह दी।
उन्होंने कहा, इन दिनों रात में जागकर पढ़ाई करने का सिलसिला चल निकला है। याद रखिए प्रकृति के मुताबिक चलेंगे तो फायदे भी वैसे मिलेंगे। सुबह की पढ़ाई का कोई तोड़ नहीं है। दूसरी बात ये कि स्ट्रेस जरूर लें लेकिन पॉजिटिव। तनाव के बिना तो पढ़ाई संभव नहीं है। पैरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों का ख्याल रखें न कि अच्छे मॉक्र्स की उम्मीद भरी नजरों से देखें। बल्कि उन्हें अहसास दिलाएं कि पूरा परिवार आपके साथ है।
दरअसल, इन दिनों सीबीएसई और सीजी बोर्ड के एग्जाम चल रहे हैं। परीक्षा के माहौल में तनाव स्वाभाविक है, लेकिन इससे सिवाय नुकसान के कुछ हासिल नहीं होता। पत्रिका समूह के 65वें स्थापना दिवस और स्वर्णिम भारत अभियान में शहर की कुछ हस्तियों ने परीक्षार्थियों को मोटिवेट करते हुए कूल माइंड से पढ़ाई करने के लिए कहा।
साथ ही पैरेंट्स से भी अपील करते हुए उन्हें बच्चों पर गैरजरूरी तनाव क्रिएट नहीं करने की सलाह दी। सभी ने अपनी पढ़ाई के दौर को याद किया और बताया कि पेपर के वक्त एक अनचाहा प्रेशर रहता है लेकिन अगर आप टाइम मैनेजमेंट और खुद पर यकीन करें तो पर्चे अच्छे जाएंगे, लिहाजा सारे टेंशन छोड़ डेडिकेशन के साथ पढ़ाई करें, मनचाहे माक्र्स मिलेंगे।
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