भेज दिया गया था जेल दिसम्बर 2017 में पटवारी मिथिलेश पांडेय की जमानत याचिका को खारिज कर जेल भेज दिया था। आरोपी पटवारी ने कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन लगाया था। गिरफ्तारी के डर से वह फरार भी हो गया था। मुखबिर की सूचना पर उसे एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सुंदर नगर स्थित घर में दबिश देकर गिरफ्तार किया था। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने मामले की सुनवाई की थी। 5 अगस्त 2017 को अदालत में चालान पेश किया गया था। लेकिन, वह सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुआ। इसे देखते हुए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसकी तामिली होते ही वह फरार हो गया था।
रायपुर खास के अलावा कहीं नहीं टिका पटवारी लगातार शिकायतों की वजह से करीब चार साल पहले पटवारी को रायपुर से बाहर भेज दिया गया था। वह आरंग में पदस्थ था, लेकिन एसीबी की जांच में यह बात सामने आई थी कि दो-तीन महीने में उसकी पोस्टिंग वापस रायपुर हो गई। यहां उसे आमासिवनी का चार्ज मिला था, लेकिन कुछ दिन में उसने अपनी पोस्टिंग रायपुर खास जैसे महत्वपूर्ण पटवारी हल्के में फिर करवा ली थी। एसीबी के छापे के बाद पटवारी को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद फिर उसी हल्के में पोस्टिंग करना चौंकाने वाली बात है।
यह हुआ था बरामद 1.75 लाख रुपये नकद, 7 प्रापर्टी जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपए से अधिक, बैंक लाकर में 30 तोला सोना, सुंदर नगर में 50 लाख का तथा डंगनिया में 60 लाख के दो मकान, 10-15 जगहों पर जमीन निवेश के दस्तावेज।
ऐसा तो नहीं होना चाहिए। आप जो जानकारी दे रहे हैं। इसके संबंध में जांच करवाता हूं। आखिर कैसे उसी जगह में पोस्टिंग हो गई। – एनके खाखा, सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग
मेरी पुन: पोस्टिंग शासन के द्वारा हुई है। अभी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। ईओडब्ल्यू अदालत में प्रकरण लंबित है। – मिथिलेश पांडे, पटवारी, रायपुर खास