हर पौधे की हो सुरक्षा
रायपुरPublished: Aug 03, 2018 07:09:09 pm
पौधरोपण और रोपे गए पौधों की सुरक्षा सभी की महती जिम्मेदारी है
औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, सौंदर्यीकरण, सड़क चौड़ीकरण तथा खनिज खनन के लिए हाल के वर्षों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई होने से पर्यावरण को भारी क्षति हुई है। इसके दुष्प्रभाव से ‘मौसमÓ भी अछूता नहीं रहा है। मौसम चक्र में परिवर्तन अशुभ संकेत है। मानव जीवन के लिए पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। शुद्ध हवा और पर्यावरण संतुलन के लिए पेड़-पौधे अत्यंत आवश्यक हंै। पौधरोपण और रोपे गए पौधों की सुरक्षा सभी की महती जिम्मेदारी है। बिलासपुर जिले में इस मानसून सीजन में 50 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखना, कलक्टर द्वारा पौधरोपण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए डिप्टी कलक्टरों के प्रभार में तीन निगरानी समितियां बनाना और गड्ढों, ट्री गार्ड व रोपे गए पौधों के संबंध में लगातार रिपोर्ट व प्रतिदिन पौधों की सुरक्षा का निरीक्षण, पर्यवेक्षण करने का निर्देश देना प्रशासनिक महकमे के लिए मिसाल भी है और अनुकरणीय भी। बशर्ते, यह कवायद महज कागजी व दिखावटी न हो।
विडंबना है कि जंगलों की सुरक्षा के तमाम दावे किए जाते हैं। हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर पौधरोपण अभियान बड़े पैमाने पर चलाए जाते हैं। वन महोत्सव भी मनाया जाता है। पौधरोपण अभियान में हर वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हंैं। लेकिन जिम्मेदारी जब रोपे गए पौधों की देखभाल और सुरक्षा की आती है, तो सभी आंखें मूंद लेते हैं। पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तो संबंधित विभाग के कर्मियों की है, यह मानकर पौधे रोपने वाले निश्चिंत हो जाते हैं। शासन-प्रशासन और वन अमला भी कुंभकर्णी नींद सोता नजर आता है। चिंता की बात तो यह है कि सरकार के नुमाइंदे, नौकरशाह, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दलों, संस्थानों-समितियों के पदाधिकारी-कार्यकर्ता अपनी आंखों के सामने सूख रहे पौधों और कट रहे वृक्षों को नहीं बचा पा रहे हैं, तो दूरदराज में उजड़ रहे जंगलों की सुरक्षा के बारे में क्या सोचेंगे?
बहरहाल, जो लोग पौधरोपण के लिए खोदे गए गड्ढों को पाटते हैं, रोपे गए पौधों और उसकी सुरक्षा के लिए लगाए गए ट्री गार्ड को नुकसान पहुंचाते हैं, उनकी कारस्तानियों का पर्दाफाश जरूरी है। उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई भी जरूरी है। इतना ही नहीं, उनका सामाजिक बहिष्कार भी किया जाना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति पौधा रोपे और पेड़-पौधों की सुरक्षा करे, इसके लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए। सभी सार्वजनिक, सामाजिक, वैवाहिक व पारिवारिक कार्यक्रमों में पौधरोपण अनिवार्य किया जाना चाहिए। साथ ही जिस नौकरशाह के कार्यकाल में हरियाली घटती है, पौधरोपण में भ्रष्टचार होता है, उनके वेतन, भत्ते और पदोन्नति में कटौती की जानी चहिए। पौधरोपण में भ्रष्टाचार व लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।