एेसे लोग अब कलेक्टोरेट कार्यालय बड़ी संख्या में नजर आ रहे हैं। रविवार को भी डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों ने अलग-अलग जिलों और राज्यों में अपने साधन से जाने के लिए आवेदन किया। हलांकि अभी तक किसी को भी अनुमति नहंी दी गई है। मामले में जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्तर पर कोरोना के वायरस को रोकन के लिए लोगों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है।
विशेष परिस्थितियों में भी अनुमति प्रदान की जा रही है। जिनमें मेडिकल एमरजेंसी और अति विशेष परिस्थितियों में थोड़ी राहत प्रदान की गई है। प्रदेश के भीतर यात्रा की अनुमति कलेक्टर और एडीएम को दी गई है। राज्य से बाहर यात्रा के लिए परिवहन आयुक्त की अनुमति लेना जरूरी है। हालांकि दोनों परिस्थितियों में आवेदने कलेक्टोरेट कार्यालय में ही किया जाना है।
मिल रही है एेसे आवेदन
– रिस्तेदार के घर घूमने आए फंस गए।
– गांव में माता पिता की तबियत बिगड़ी।
– एेसे यात्री जिन्हें खान-पान की दिक्कत हो रही गांव वापस जाना है।
– बीमार मरीज को इलाज के लिए बाहर ले जाना।
परिचय पत्र है अनिवार्य
आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने की दृष्टि से महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत पूर्णत: सील (लॉकडाउन) कर दिया है। इसके अलावा दो या उससे अधिक व्यक्ति बिना अनिवार्य कारण के सड़क पर दिखाई दिए तो पुलिस उन पर कार्रवाई कर सकती है। किसी भी स्थिति में एक से अधिक व्यक्तियों को घर से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। घर से बाहर जाने की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य रूप से अपना वैध पहचान पत्र साथ में रखना होगा।
हो सकती है कार्रवाई
किसी को अपरिहार्य स्थिति में जिले से बाहर जाना आवश्यक हो या बाहर से जिले में प्रवेश करना आवश्यक हो, तो एडीएम कार्यालय में निर्धारित फार्मेट में आवेदन जमा करने पर अनुमति दी जा सकेगी। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान, भारतीय दंड संहिता 1860 के धारा 188 के तत दंडनीय होंगे।