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रायपुर के पास मंदिरहसौद में पेट्रोल-डीजल 50 रुपए लीटर

locationरायपुरPublished: Jun 18, 2021 02:23:02 am

Submitted by:

Dhal Singh

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पास मंदिरहसौद और आरंग इलाके में आज भी पेट्रोल-डीजल 50 रुपए लीटर मिल रहा है। इसे लेने के लिए राजधानी के अलावा आसपास के लोग भी जाते हैं। लेकिन यह पेट्रोल पंप में नापकर नहीं बल्कि चोरी का ईंधन है, जो पेट्रोल-डीजल टैंकरों से निकालकर स्टॉक किया जाता है।

रायपुर के पास मंदिरहसौद में पेट्रोल-डीजल 50 रुपए लीटर

टैंकर से इस तरह करते हैं डीजल चोरी

रायपुर. छत्तीसगढ़ में भले ही पेट्रोल-डीजल 90 रुपए के करीब पहुंच गया है, लेकिन आरंग और मंदिरहसौद में ये अब भी 50 से 60 रुपए लीटर बिक रहा है। इसका कारण गुजरा और मंदिर हसौद में पेट्रोलियम कंपनियों के डिपो हैं, जहां से टैंकर भरकर पेट्रोल पंपों के लिए पेट्रोल-डीजल डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है। दोनों डिपो से दो-तीन किलोमीटर के क्षेत्र में दर्जन भर गोदाम बनाए गए हैं।
जहां पर पेट्रोल-डीजल टैंकरों से कटिंग करके स्टॉक किया जाता है और 50 से 60 रुपए में बेचा जाता है। सोमवार को खाद्य विभाग की टीम ने एक ठिकाने पर छापा मारकर 39 हजार लीटर पेट्रोल-डीजल सहित तीन टैंकर जब्त किया था, लेकिन अभी भी छह से ज्यादा जगहों पर इसका बड़ा खेल चल रहा है। पत्रिका के पास इन स्पॉट में चल रही अवैध चोरी का विडियो उपलब्ध है।
ईंधन चोरी के बड़े अड्डे
1. नीरज ढाबा: यह सिर्फ नाम के लिए ढाबा है । यहां चाय भी नहीं मिलती। ढाबा की आड़ में यहां डीजल-पेट्रोल के अवैध कटिंग व भंडारण का खेल खुलेआम चल रहा है।
2. गुजरा फाटक के पास होटल और पार्र्किं ग : गुजरा फाटक से लगा एक होटल और उसके पीछे की पार्र्किंग में बड़े पैमाने में पेट्रोलियम की तस्करी की जाती है। टैंकरों से निकाल कर रायपुर के टांटीबंध ट्रांसपोर्ट नगर के ट्रकों तक सप्लाई हो रही है।
3. थाने के 50 मीटर दूरी पर अहाता : मंदिर हसौद थाने के महज 50 मीटर दूर एक ट्रक पार्र्किंग से लगे खाली जगह में पीछे के पेड़ काट कर चोरी के लिए अहाता बनाया गया है। यहां पर रामा नाम का एक व्यक्ति बड़े पैमाने में डीजल-पेट्रोल कटिंग के काम को अंजाम देता है।
4. बिजली ऑफिस के पास मंदिर हसौद : गोलू नाम के व्यक्ति द्वारा बिजली आफिस के पास मंदिर हसौद में डीजल-पेट्रोल कटिंग का काम किया जा रहा था। यहां से खाद्य विभाग की टीम ने छापा मार कर कार्रवाई की है। हांलाकि यहां से कुछ ही दूरी पर मंगलवार को फिर से काम शुरू हो गया था।
ऐसे होता है चोरी का खेल
ऑयल डिपो से लोड होकर आने वाले टैंकरों को ढाबों तथा सुनसान जगहों में ले जाया जाता है जहां पर तस्कर, ड्राइवर से 30 से 35 रुपए प्रति लीटर की दर से ईंधन को खरीदता है, जिसके बाद तस्कर उसे 60 से 65 रुपए प्रतिलीटर की दर से ट्रांसपोर्टरों को बेचता है। तस्कर एक टैंकर से 200 लीटर तेल की चोरी किया जाता हैं। रोजाना औसतन 200 गाडिय़ों में चोरी करने की तैयारी रहती है। इसमे टैंकर चालकों और हेल्परों की भी मिलीभगत रहती है । इतना ही नही तस्करी के बाद हजारों लीटर तेल को अवैध रूप से भंडारण करके रखा जाता है। कई बार गुजरा गांव में भंडारण स्थल पर आग लग चुकी है। खाद्य नियंत्रक तरुण राठौर का कहना है कि टीम द्वारा कार्रवाई की गई है, प्रकरण तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

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