ऑयल डिपो से लोड होकर आने वाले टैंकरों को ढाबों तथा सुनसान जगहों में ले जाया जाता है जहां पर तस्कर, ड्राइवर से 30 से 35 रुपए प्रति लीटर की दर से ईंधन को खरीदता है, जिसके बाद तस्कर उसे 60 से 65 रुपए प्रतिलीटर की दर से ट्रांसपोर्टरों को बेचता है। तस्कर एक टैंकर से 200 लीटर तेल की चोरी किया जाता हैं। रोजाना औसतन 200 गाडिय़ों में चोरी करने की तैयारी रहती है। इसमे टैंकर चालकों और हेल्परों की भी मिलीभगत रहती है । इतना ही नही तस्करी के बाद हजारों लीटर तेल को अवैध रूप से भंडारण करके रखा जाता है। कई बार गुजरा गांव में भंडारण स्थल पर आग लग चुकी है। खाद्य नियंत्रक तरुण राठौर का कहना है कि टीम द्वारा कार्रवाई की गई है, प्रकरण तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।