विभाग ने कहा- 375 करोड़ का होगा नुकसान
राज्य कर विभाग का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों में 4 फीसदी वैट घटाने से विभाग को लगभग 375 करोड़ रुपए का नुकसान होगा, जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के बाद विभाग के राजस्व में वृद्धि हो रही है। इसलिए इसे घाटा नहीं कहा जा सकता।
वैट कम करने पर बढ़ेगी खपत
ट्रांसपोर्टस एसोसिएशन के मुताबिक पेट्रोल-डीजल में वैट कम करने से नजदीकी राज्यों की गाडिय़ां छत्तीसगढ़ से पंपों से पेट्रोलियम पदार्थो की खरीदी करेगी, लिहाजा खपत बढ़ेगी। पेट्रोल-डीजल में वैट 25 फीसदी होने से छत्तीसगढ़ में आने वाली गाडिय़ां अन्य सरहदी इलाकों से पेट्रोलियम पदार्थ खरीदती थी।
शहर में पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री
पेट्रोल- 90 लाख से 1 करोड़ लीटर (प्रति महीने)
डीजल- लगभग 2 करोड़ लीटर (प्रति महीने)
पेट्रोल की कुल बिक्री- 84 करोड़ रुपए (प्रति महीने)
डीजल की कुल बिक्री- 81 करोड़ रुपए (प्रति महीने)
विभाग को पेट्रोल से राजस्व- 20 करोड़ 10 लाख (प्रति महीने)
विभाग को डीजल से राजस्व- 40 करोड़ 50 लाख (प्रति महीने)
(नोट-आंकड़े पेट्रोलियम डीलर्स एसो. और वैट विशेषज्ञों से मिली जानकारी के मुताबिक)
उपकर और वैट
पेट्रोल में उपकर- 2 रुपए प्रति लीटर
डीजल में उपकर- 1 रुपए प्रति लीटर
पेट्रोल में वैट- 25 से घटकर 21 फीसदी
डीजल में वैट- 25 से घटकर 21 फीसदी
अमर परवानी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स
महेश शर्मा, सचिव, सेल टैक्स बार काउंसिल, छत्तीसगढ़
राजधानी में हर महीने लगभग 90 लाख से 1 करोड़ लीटर पेट्रोल और डीजल में लगभग 2 करोड़ लीटर हर महीने की खपत है। जिले में पेट्रोल पंपों की संख्या 100 के आस-पास है
अभय भंसाली, सचिव, रायपुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन